गांवों-कस्बों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए बड़े स्तर पर चलाए गए अभियान के बावजूद, बिहार के 12 लाख से ज्यादा घरों में अब तक टॉयलेट की सुविधा से वंचित हैं। राज्य में 12.90 लाख शौचालय विहीन परिवार चिह्नित हुए हैं। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर विभिन्न संस्थानों द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में सभी जिलों में अब भी व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय (आईएचएचएल) की उपलब्धता में अंतर (गैप) पाया गया है।
वास्तविक अंतर का पता लगाने के लिए जीविका के ग्राम संगठनों के माध्यम से सर्वे कराया गया था। इन शौचालय विहीन परिवार को मिशन मोड में शौचालय की सुलभता प्रदान कराए जाने के लिए 60 दिनों का विशेष हर घर शौचालय अभियान शुरू किया जा रहा है। यह अभियान 15 नवंबर से शुरू होकर 15 जनवरी तक चलेगा। बता दें कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के अंतर्गत खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करते हुए राज्य के सभी ग्राम पंचायतों को स्वच्छ (ओडीएफ प्लस) बनाए जाने का लक्ष्य है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरे चरण में नए परिवारों के साथ किसी कारणवश छूटे हुए परिवारों को शौचालय की सुलभता प्रदान करने का प्रावधान है।
60 दिनों में सत्यापन से लेकर प्रोत्साहन राशि का भुगतान इस अभियान के तहत चिह्नित शौचालय विहीन परिवारों का सत्यापन, शौचालय के स्व निर्माण के लिए सूचना शिक्षा एवं संचार (आईईसी) व सघन व्यवहार परिवर्तन केंद्रित उत्प्रेरण (बीसीसी) गतिविधियों का संचालन, शौचालय निर्माण सामग्री की उपलब्धता, निर्माण के उपरांत शौचालय की जियो टैगिंग इत्यादि गतिविधियां संचालित की जाएंगी। हर घर शौचालय अभियान अंतर्गत निर्मित सभी व्यक्तिगत शौचालयों के प्रोत्साहन राशि का भुगतान 15 फरवरी तक पूर्ण किया जायेगा। एक घर में केवल एक व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय का प्रोत्साहन राशि का भुगतान होगा।
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