बिहार के कुछ ऐसे युवा आईएस की एक ऐसी टीम है,जो ग्रामीण इलाकों में बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगा रही है। ये आईएएस अधिकारी अपनी ड्यूटी से हटकर थोड़ा समय आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के बीच व्यतीत करते हैं।
ये अलग तरीके से बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करते हैं। वे मेधावी बच्चों को उनके सपनों को कैसे पूरा करें इसके लिए प्रेरित करते हैं। इस टीम में समस्तीपुर के आईएएस संतोष कुमार, गोपालगंज के आईआरटीएस विजय कुमार शामिल हैं। दोनों पदाधिकारी 2014 बैच के आईएएस हैं।
युवा आईएएस सन्तोष कुमार आगमूट कैडर के सचिव के पद के अधिकारी हैं। जबकि विजय कुमार एनई रेलवे में सीओएम के पद पर तैनात हैं।
आईएएस संतोष कुमार के मुताबिक वे और उनके दोस्त विजय कुमार ने मिलकर एम पाठशाला खोली है। इस एम पाठशाला में वैसे ग्रामीण इलाकों के आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है, ताकि उनकी प्रतिभा कुंठित न हो।
संतोष कुमार ने कहा कि बिहार के गोपालगंज, समस्तीपुर और औरंगाबाद में आईएएस ऑफिसर मिलकर एम पाठशाला चलाते हैं। इस पाठशाला में ग्रामीण परिवेश में आर्थिक रूप से कमजोर निर्धन बच्चों का एडमिशन लिया जाता है। उन्हें मुक्त शिक्षा दी जाती है। समय-समय पर वे खुद पहुंचकर इन बच्चों को पढ़ाई के बेहतर गुरु सिखाते हैं।
संतोष कुमार ने कहा कि बिहार के छात्र प्रतिभावान हैं। बस उन्हें गाइडेंस की जरूरत है। बेहतर गाइडेंस मिलने से बच्चे न सिर्फ अपने क्लास में बेहतर करेंगे। बल्कि वे भविष्य को लेकर भी बचपन से ही तैयारी करेंगे।
इन आईएएस अधिकारियों के क्लासेस से बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं। बच्चे बचपन से ही अपने एम को लेकर टारगेट कर रहे हैं।
मांझागढ़ प्रखंड के पिठौरी गांव की छात्रा ऋतु यादव के मुताबिक वह भी एम पाठशाला में पढ़ने आती है। आईएएस संतोष सर के गाइडेन्स के बाद उसने अभी से ही सिविल सर्विसेज की पढ़ाई को लेकर फोकस किया है।
बहरहाल अधिकारियों की इस पहल से ग्रामीण इलाकों में भी शिक्षा का बेहतर माहौल बन रहा है।
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