बगहा में जब सरकारी सिस्टम ने दम तोड़ा तो ग्रामीणों ने अपने हाथों में कमान थाम ली। ग्रामीणों को पुल की सख्त जरूरत थी। लेकिन, पहाड़ी मनेर नदी की तेज धार में सरकार के सभी विभागों ने पुल बनाने से हाथ खड़े कर दिये थे।
इसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर नदी की तेज घार से लड़ने की ठान ली और अथक परिश्रम कर बांस-बल्ले की सहायता से मनेर नदी की तेज घार के बीच ही चचरी पुल बनाकर तैयार कर लिया। इससे उनका रास्ता अब आसान हो गया है। ग्रामीणों के इस काम की चारों ओर चर्चा हो रही है।
हाथों में बांस की बल्लिया लेकर पहाड़ी नदी से दो दो हाथ करने की ठान ली। मनोर नदी की तेज रफ्तार धारा ने दरदरी में बांध को ध्वस्त कर बर्बादी की कहानी लिखने लगी।
ग्रामीणों में मुखिया से लेकर हाकिमों तक से गुहार लगाई जब किसी ने नही सुनी तो खुद ही एकजुट होकर पहाड़ी नदी से दो दो हाथ करने लगे।
ग्रामीण खुद के संसाधनों और मेहनत की बदौलत नदी से जीत हासिल करने के लिए मशक्कत कर रहे है।
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