ओमप्रकाश दीपक
मुजफ्फरपुर। अफगानिस्तान में जारी सियायी संकट का असर अब देश में साफ दिखने लगा है। वहां से कागजी बादाम, मुनका एवं अंजीर मेवा की आवक है।
गुहयुद्ध के कारण इन मेवाओं की आवक में कमी आ गयी है। जिसके कारण इसके कीमतों में डेढ़ गुणा तक उछाल आ गया है। बढ़ते कीमत से स्वाद लेने वाले लोगों को आर्थिक बोझ गया है। हालांकि अभी वैवाहिक कार्यक्रम का समय नहीं रहने के कारण मांग वैसा नहीं है।
शहर के प्रमुख बाजार गोला में कागजी बादाम, मुनका एवं अंजीर मेवा की आवक दिल्ली एवं पटना से है। अफगानिस्तान से पानी वाले जहाज के द्वारा बंदरगाह पर माल उतरा जाता है। इसके बाद देश के विभिन्न प्रमुख मंडियों में ट्रक द्वारा माल भेजने का काम किया जाता है। कहा जाता है कि मेवा का सबसे बड़ा मंडी दिल्ली है। वहां पर जिस किस्म माल चाहिए मिल जाता है। पॉकेट एवं बोरा में जैसा माल चाहिये उपलब्ध रहता है।
गोला स्थित बजरंग ट्रेडर्स के केदार गुप्ता ने बताया कि अफगानिस्तान से काजी बादाम, मुनका एवं अंजीर की आवक है। स्टॉकिस्टों ंद्वारा इसे पानी वाला जहाज के द्वारा देश के बंदरगाह पर माल उतारा जाता है। इसके बाद प्रमुख मंडियों में मांग के अनुरुप माल भेजा जाता है।
उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा मांग काजी बादाम का है। इसे कई लोग प्रतिदिन सेवन करते है। यह 25 किलो वजन वाले बोरा में आता है। वही मुनका एवं अंजीर 12 किलो वाले कार्टून में माल आता है। इसके साथ ही विभिन्न कम्प्नियों द्वारा छोटे-छोटे वजन में माल का पैकेजिंग करते है।
मुनका एवं अंजीर ज्यादातर लोग भोज के आयोजन के समय पकवान में उपयोग करते है। काजी बादाम जहां 680 रुपये था बढ़कर 1020 रुपये प्रतिकिलो हो गया। वहीं अंजीर 900 रुपये से बढ़कर 1050 रुपये प्रतिकिलो एवं मुनका 680 रुपये से बढ़कर 720 रुपये प्रतिकिलो पर पहुंच गया।
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