मुजफ्फरपुर। जिले के विभिन्न मंडियों में बिक रही फुलगोभी इनदिनों झारखंड के रांची से आ रही है। जिसके कारण खुदरा बाजार में अप्रत्याशित उछाल चल रहा है। निसके कारण आमलोगों को स्वाद लेना मुश्किल हो गयाहै। थोक मंडी में जहां तीस रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक हो रही है। वहीं खुदरा बाजार में फुलगोभी अस्सी से सौ रुपये प्रतिकिलो की दर से बेचा जा रहा है। लोकल फुलगोभी का उत्पादन अक्टूबर से आना शुरु होगा। रांची के बाद महाराष्ट्र के नासिक से फुलगोभी की आवक होगी। तब तक लोग बाहर से आने वाले का स्वाद लेगें।
शहर के सरैयागंज,घिरनी पोखर, कटहीपुल, भगवानपुर, जीरोमाईल, बालूघाट, पुरानी बाजार आदि मंडियों में फुलगोभी अस्सी से सौ रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक्री हो रही है। बढ़ते कीमत के कारण आमलोगों को स्वाद लेना मुश्किल बना हुआ है। दामों में उछाल के कारण उपभोक्ता जरूरत से कम ही लेकर स्वाद चख रहे है।
शहर के प्रमुख मंडी गोला एवं घिरनी पोखर में फुलगोभी की आवक रांची के विभिन्न इलाकों से है। यहां के मंडियों में एक ट्रक माल का आवक है। प्लास्टिक वाले बोरी में चालीस से पचास किलो में भर कर आ रहा है। थोक मंडी में 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक हो रही है। व्यापारी रमेश कुमार ने बताया कि गर्मी के कारण जहां माल गल जा रहा है। ज्यादा दिनों तक नहीं टीक पा रहा है। वैसी स्थिति में निर्धारित कीमत से कम में ही बेचना मजबूरी हो जाता है। वहीं ट्रक का भाड़ा अधिक होने से घाटा का व्यापार हो गया है।
खुदरा में सब्जी बेचने वाले राजू ने बताया कि गर्मी पड़ने से माल ज्यादा खराब हो रहा है। वैसी स्थिति में किसी कदर कम कीमत लगाकर फुलगोभी बेच देते है। ताकि लगा लागत किसी कदर निकल जाये। रांची के बाद अगस्त से महाराष्ट्र के नासिक वाले फलगोभी की आवक होगी।
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