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लॉकडाउन में बंदी से त्रस्त निजी विद्यालय एवं कोचिंग संस्थानों के शिक्षक एवं जागरूक अभिभावकों के द्वारा शांतिपूर्ण रैली निकाली गई……

लगातार कोरोना लॉकडाउन में विद्यालय बंदी से तस्त कोचिंग संस्थानों, गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों, मान्यता प्राप्त विद्यालयों एवं प्राइवेट ट्यूटर एसोसिएशन के शिक्षकों एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों के साथ-साथ जागरूक अभिभावक ने आज दिनांक 5/12/ 2020 को “शिक्षा बचाओ अभियान मोर्चा के बैनर तले एक शान्तिपूर्ण रैली कलमबाग चौक से कल्याणी चौक तक रैली निकाली जिसका मुख्य उद्देश्य था जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा कार्यालय का ध्यान कुछ बिंदुओं पर आकर्षित करना और उन के माध्यम से मोर्चा सदस्यों की नाराजगी एवं आक्रोश को राज्य सरकार एवं राज्य सरकार को पहुंचाना निम्नांकित बिंदुओं पर

1. एक ऐसे पत्र पर जिस पर भेजने वाले व्यक्ति का नाम या उस संगठन के लेटर हेड पर किसी पदाधिकारी का नाम ही नहीं है क्या जिला शिक्षा कार्यालय दमनकारी आदेश जारी कर सकते हैं?

2. भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके विभिन्न शिक्षण संस्थाओं एवं प्राइवेट ट्यूटर्स एवं गैर शैक्षणिक कर्मी सभी व्यावसायिक संस्थाओं के खुलने मॉल खोलने एवं बाजार खुलने के बावजूद विद्यालयों एवं कोचिंग संस्थानों को बंद करने का क्या औचित्य है जबकि इन स्थानों पर वह भीड़ मापदंड की अवहेलना करते हुए छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध व्यक्तियों को भी देखा गया है।

3. प्रतियोगी परीक्षाओं में कोबिड मापदंड पर जब परीक्षाएं विद्यालयों में नामांकन हेतु विभिन्न महाविद्यालयों एवं तकनीकी संस्थाओं में नामांकन हेतु ली जा सकती है तो विद्यालयों या कोचिंग संस्थानों में वर्ग हेतु बच्चों को अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है?

4. 400 विभिन्न निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति का निरस्त करने के पश्चात विभिन्न संगठनों द्वारा उस प्रकृति का पुनर्वहाल करना या आवेदन पर विचार कर नई प्रस्वीकृति देने का अनुरोध करने के बावजूद भी प्रस्वीकृति फाइलों पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय द्वारा कुंडली मारकर बैठना उस विभाग का निजी विद्यालयों के प्रति उदासीनता एवं सौतेला व्यवहार दर्शाता है।

5. कोरोना काल में विद्यालय बंदी से कई शिक्षकों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या तक कर ली है और दिन प्रतिदिन स्थिति बद से बदतर की ओर अग्रसर हो रही है अतः सरकार इस भयावह परिस्थिति पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक निजी स्कूल को उसके बच्चों की संख्या में विद्यालय अकाउंट में 1 वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि मुहैया कराए ताकि विद्यालय प्रबंधन अपने शिक्षकों को उनके बच्चों को भुखमरी से बचा पाए। 6. कोरोना की वजह से स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि इस विकट परिस्थिति में विद्यालय का

6. किराया देने के साथ-साथ पानी बिजली एवं गाड़ियों का किस लोन की ईएमआई, ईएसआई, इपीएफ आदि का भुगतान कर पाना असंभव हो गया है। इसके फलस्वरूप वित्तीय संस्थानों आदि के दवारा आए दिन सभी शैक्षणिक संस्थाओं को धमकी भरा पत्र व फोन का कॉल आ रहे हैं जिस वजह से सभी संस्थाप घोर मानसिक उत्पीड़न से जूझ रहे और कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।

7. इस कोरोना संकटकाल में सरकार के जन कल्याण से संबंधित घोषणा मजदूर से उदयोगपति तक की है परंतु उन घोषणाओं में शिक्षकों निजी विद्यालय में कोचिंग संस्थानों के लिए कोई राहत नहीं है इस कारण निजी विद्यालयों, कोचिंग संचालक एवं कार्यरत कर्मी निराश एवं हताश हो रहे हैं इनकी प्रमुख मांगों के सभी तरह के शैक्षणिक या शिक्षण संस्थानों को आवश्यक दिशा निर्देश के साथ खोलने की अनुमति जल्द देने, विद्यालय बंद अवधि के आर्थिक सहायता देने, किराया पर चल रहे विद्यालय भवन के किराया को व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं सभी प्रकार के सरकारी कर माफ करने की मांग करती है। ऑनलाइन एजुकेशन व्यवहारिक शिक्षा का विकल्प नहीं है।। एक ओर जहां सरकार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कर रही है वहीं दूसरी ओर अपनी दमनात्मक नीति के तहत शिक्षकों और छात्रों को पढ़ने पढ़ाने से रोक रही है। निजी शिक्षण संस्थानों के लिए सरकार ने अब तक अपनी नीति स्पष्ट नहीं की है, ऐसे में सरकार को व्यवहारिक फैसला लेने की जरूरत है। हम सरकार के s.o.p. के तहत सामाजिक दूरी या सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन आदि सुविधाओं के साथ शिक्षण संस्थान खोलने पर सहमत हैं।

इस प्रतिरोध रैली के शहर के सैकड़ों शिक्षक व शिक्षण संस्थानों के निदेशक ने स्थानीय कलमबाग चौक, मोतीझील, कल्याणी चौक हरिसभा चौक अघोरिया बाजार चौक होते हुए पुनः कलमबाग चौक तक विशाल जुलूस निकाला जिसमें संयोजक विकास शुक्ला, राजेश कुमार मिश्रा, प्रमोद कुमार, सुधीर कुमार सिंह, ललन कुमार, चंदन कुमार, रंजन सहाय, अभय कुमार पांडे, मुकुट मणि, नागेंद्र प्रसाद सिंह, बालेंद्र कुमार, मोहन गुप्ता, अखिलेश अनमोल, सुधीर कुमार, विकास कुमार, प्रमोद कुमार, कुंदन कुमार, मृत्युंजय कुमार, प्रभात कुमार, वरुण त्रिपाठी, नीरज कुमार, आदित्य रंजन, परशुराम कुमार, अमन कुमार, अनिकेत कुमार, सुमन झा, राहुल कुमार चंद्रा, नितेश कुमार, सुशांत कुमार, श्रीकांत सिंह, अविनाश कुमार, मयंक कुमार आदि ने अपनी उपस्थिति दर्ज की

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