पटना: बिहार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए खेल विभाग अस्तित्व में आ गया है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने खेल विभाग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। सोमवार को नीतीश कैबिनेट ने खेल विभाग के गठन के प्रस्ताव पर सहमति दी थी। अब तक खेल से जुड़े कार्य और योजनाओं का संचालन कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तहत होता था। वहां यह निदेशालय के रूप में संचालित था। नया विभाग कला संस्कृति एवं युवा एवं खेल विभाग से अलग तथा स्वतंत्र रूप से कार्य करेगा। नवगठित खेल विभाग राज्य का 45वां विभाग होगा। राज्य सरकार ने आईएएस बी राजेंदर को खेल विभाग का पहला प्रधान सचिव नियुक्त किया है।
कैबिनेट विभाग की अधिसूचना के अनुसार खेल विभाग खिलाड़ियों के कल्याण के साथ ही खेलों के विकास से संबंधित सभी कार्य करेगा। खेलों के विकास के लिए नई आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और पूर्व से गठित संरचनाओं की देखभाल। खेलकूद के लिए विश्वविद्यालय के गठन के साथ खेलों के विकास में लगी संस्थाओं के निबंधन, विभाग के लिए कर्मियों की नियुक्ति नियोजन उनकी सेवा शर्तों का गठन भी खेल विभाग ही करेगा। विभाग के लिए भवन के साथ ही अन्य उपस्कर की आवश्यकताओं की पूर्ति भवन निर्माण विभाग करेगा।कला संस्कृति युवा एवं खेल विभाग में पूर्व से नियुक्त कर्मियों-पदाधिकारियों का भी बंटवारा होगा। इस नए विभाग में करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। जब तक खेल विभाग के लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं होती है तब तक कला संस्कृति विभाग के बजट से ही खेल विभाग की गतिविधियों और कार्यालय संबंधित कार्य किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने खेल विभाग का पहला प्रधान सचिव डॉ. बी राजेंदर को बनाया है। 1995 बैच के इस आईएएस अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अभी वह सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव हैं। उनके पास जन-शिकायत, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी और श्रम संसाधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार पहले से मौजूद है। महेन्द्र कुमार पहले निदेशक बनेसाउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी महेंद्र कुमार को खेल विभाग के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह अधिसूचना जारी कर दी गई है।
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