अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से करीब 500 आस्था स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनमें अकेले बिहार से 100 ट्रेनें चलेंगी। प्राण प्रतिष्ठा के बाद बिहार से बड़ी संख्या में लोग रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे। उत्तरप्रदेश से सटे बिहार के जिलों से बसें चलाने की भी योजना है। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित बीजेपी की उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चुनावी साल में बीजेपी अयोध्या की आस्था से लोगों को जोड़ने के लिए 25 जनवरी से बड़ा अभियान चलाने वाली है। इसके तहत दो महीने तक बिहार समेत अन्य राज्यों के लोगों को अयोध्या दर्शन के लिए ले जाया जाएगा। इसके लिए बीजेपी ने तीन राष्ट्रीय महासचिवों की देख रेख में सभी राज्यों के पदाधिकारियों की टीम को जिम्मेदारी सौंपी है।
बिहार बीजेपी के प्रदेश महासचिव एवं रामलला दर्शन अभियान समिति के प्रदेश संयोजक जगन्नाथ ठाकुर ने बताया कि 20 बोगियों वाली आस्था स्पेशल ट्रेन में 18 स्लीपर एवं दो जनरल बोगियां होंगी। पार्टी की कोशिश है कि हर लोकसभा क्षेत्र से 10 से 12 हजार लोगों को अयोध्या दर्शन कराया जाए। उन्होंने कहा, दिल्ली की बैठक में यह तय हुआ है कि हर मतदाता के घर पहुंचकर अयोध्या चलकर भगवान के दर्शन के लिए निमंत्रण देना है।
जगन्नाथ ठाकुर ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भोजन के लिए अयोध्या में 250 से 300 बड़े लंगर चलाने की तैयारी है। इसके लिए स्वर्ण मंदिर अमृतसर, अमरनाथ यात्रा एवं मां वैष्णो देवी की यात्रा के मार्ग में चलने वाले लंगर के संचालकों से बात की गई है। वे अयोध्या में लंगर चलाने को तैयार हैं। उन्हें अयोध्या जिला प्रशासन निशुल्क जमीन, बिजली और पानी उपलब्ध कराएगा। दिल्ली बैठक में यूपी उत्तर प्रदेश भाजपा को इसकी मेजबानी की जिम्मेदारी दी गई है। अलग अलग टीमें इसके लिए काम करेंगी।
बीजेपी के तीन राष्ट्रीय महासचिव विनोद तांवड़े, तरुण चुग और सुनील बंसल पार्टी की राज्य इकाई एवं सरकार के बीच समन्वय का काम देख रहे हैं। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि विनोद तांवड़े रेलवे, तरुण चुग भोजन और सुनील बंसल आवास से जुड़ी व्यवस्था देख रहे हैं। दिल्ली में हुई बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत बड़ी संख्या में मंत्री व पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।
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