पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का स्कूलों के निरीक्षण का दौर जारी है। शुक्रवार को गया जिले के आमस प्रखंड के सुग्गी मिडिल स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, शिवबालक बालिका प्रोजेक्ट स्कूल और आमस हाई स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल में छात्राओं की कम हाजिरी पर केके पाठक ने टीचर्स से पूछा कि क्या साल में एक बार बच्चे आते हैं। इस दौरान प्रखंड की बदतर शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई।
बच्चों की कम उपस्थिति, गुनावता पूर्ण शिक्षा का अभाव और शौचालयों के बदतर हाल देख उन्होंने हेडमास्टर व शिक्षकों को खूब खरी खोटी सुनाई। साथ ही शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाने की कड़ी हिदायत भी दी। कहा हर हाल में बच्चों की उपस्थिति पचहतर प्रतिशत चाहिए। जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे, उनके अभिभावकों से सम्पर्क करें। इसके बाद भी पढ़ने नहीं आते तो नाम काट कर हटाइए। शिक्षा व्यवस्था में किसी तरह की गड़बड़ी बर्दास्त नहीं की जाएगी। सब पढ़े सब बड़े के तर्ज पर काम करने का निर्देश शिक्षकों को दिया है।
सभी शिक्षकों के वेतन रोक दिया आदेश निरीक्षण में सभी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम मिली। इसके अलावा कई गड़बड़ियां भी उजागर हुई। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सौ छात्राओं की जगह सिर्फ 48 मौजूद मिलीं। सुग्गी मिडिल स्कूल में भी बच्चे कम थे। जबकि आमस हाई स्कूल में तो पचास प्रतिशत बच्चे भी उपस्थित नहीं थे।
प्राचार्य अजीत कुमार पाठक ने विकास राशि के बारे में पूरी जानकारी नहीं दे पाए। जिस पर अपर सचिव ने जम कर फटकार लगाई और जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्कूल प्राचार्य सहित सभी शिक्षकों के वेतन रोकने का निर्देश दे दी। कहा जब तक बच्चों की उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं होती है वेतन रोक रहें। वहीं बच्चों की कम उपस्थिति और छात्राओं के लिए पर्याप्त शौचालय नहीं होने को लेकर प्रोजेक्ट स्कूल के भी सभी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी है।
Be First to Comment