बीपीएससी की परीक्षा में पश्चिम चंपारण की लड़कियों ने भी परचम लहराया है। तीन बेटियों समेत एक युवक ने सफलता अर्जित कर जिले का नाम रौशन किया है। बगहा में स्वतंत्रता सेनानी की पोती रिचा प्रियदर्शिनी ने 393वां रैंक लाकर पूरे परिवार का मान बढ़ाया है। रिजल्ट आने के बाद से रिचा के पूरे परिवार में जश्न का माहौल है।
रिचा प्रियदर्शिनी एक साधारण किसान परिवार की बेटी हैं. पटखौली वार्ड नम्बर 3 निवासी पिता वेदप्रकाश पाठक अपनी बेटी की सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं. रिचा ने बीपीएससी की परीक्षा में 393वां रैंक हासिल किया है और बीडीओ के पद पर कब्जा करने में सफलता मिली है।
स्वतंत्रता सेनानी की पोती रिचा बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान को मजबूत करने का संदेश भी दे रही हैं। रिचा ने कहा कि मेरे दादा हरिराज पाठक स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं और मेरे पिता वेदप्रकाश पाठक किसान सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं. परिवार में बेटियों की पढ़ाई को काफी गंभीरता से लेने का परिणाम मेरी सफलता है। लड़कों से भी ज्यादा मेरे घर में लड़कियों की पढ़ाई पर ध्यान दिया जाता है।
खास बात यह है कि रिचा की पढ़ाई लिखाई स्थानीय स्तर पर हुई है. मैट्रिक में प्रथम स्थान लाकर आईएससी की पढ़ाई बगहा से ही कंप्लीट किया. समस्तीपुर पूसा कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद रिचा ने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. रिचा का सपना है कि वह आईएएस बने। बीपीएससी की तैयारी के लिए रिचा ने ऑनलाइन तैयारी की और सेल्फ स्टडी से यह सफलता अर्जित की है।
रिचा ने अपनी सफलता का श्रेय दादी, पिता और मां को देते हुए कहा कि हर मोड़ पर परिवार ने हिम्मत दी और उनकी प्रेरणा से ही आज यह मुकाम हासिल कर पाई हूं. माता पिता का आशीर्वाद और गुरुजनों के दिशा निर्देशन के बदौलत ही जिंदगी में कोई मुकाम मिलता है. रिचा ने कहा कि मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे ऐसे परिवार में जन्म मिला, जहां अपनों का भरपूर प्यार और विश्वास मिला।
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