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महिला आरक्षण बिल: लालू-राबड़ी पर बरसे जीतन राम मांझी, पूछा- 15 साल के शासन में क्या किया?

पटना: महिला आरक्षण बिल पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हम नेता जीतन राम मांझी ने कहा है कि ये बिल पहले आना चाहिए था। नरेंद्र मोदी की स्पष्टता और नारियों के प्रति सम्मान के चलते वे बिल लाए हैं। ये बिल पारित होगा। जेडीयू ने इसका समर्थन किया है, इसके लिए उन्हें धन्यवाद। मांझी ने कहा कि राबड़ी देवी से मैं यही कहना चाहता हूं कि वे पति-पत्नी 15 साल (शासन में) थे, उन्होंने महिला आरक्षण के लिए क्या किया था?

land for job scam trouble for Lalu Prasad Yadav and Rabri Devi Delhi Court  issued summons । बिहार: फिर से मुश्किल में फंसे लालू-राबड़ी, दिल्ली की  कोर्ट ने भेजा नोटिस-15 मार्च को

बता दें कि कल राबड़ी देवी ने महिला आरक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शिगूफा छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है उसमें एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गयी हैं। उन्होंने मांग की कि महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हों। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं। बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर अपनी बात कही।

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