पटना: केंद्र सरकार द्वारा देश में लाए जा रहे महिला आरक्षण बिल को लेकर सियासत तेज हो गई है। बिहार में महागठबंधन सरकार में शामिल नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बिना किसी शर्त बिल के समर्थन देने की बात कही है तो वहीं आरजेडी महिला आरक्षण बिल का लंबे समय से विरोध करती रही है। लालू की पार्टी के सांसद ने तो बिल की कॉपी तक संसद में फाड़ दिया था। अब जब एक बार फिर केंद्र की सरकार इस बिल का लाने जा रही है तो इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है। बिहार की पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी ने बड़ी मांग कर दी है।
दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार संसद में महिला आरक्षण बिल लाने जा रही है। केंद्रीय कैबिनेट से महिला आरक्षण बिल पास हो गया है। महिला आरक्षण बिल को लेकर पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने बड़ी मांग कर दी है। राबड़ी देवी ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है’।
बता दें कि देश में सबसे पहले 1996 में एचडी देवगौड़ी की सरकार महिला आरक्षण बिल संसद में लेकर आई थी। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार भी चार बार महिला आरक्षण बिल सदन में लेकर आई लेकिन पारित नहीं हो सका। तब लालू प्रसाद की पार्टी के सांसद सुरेंद्र यादव ने भरी संसद में बिक की कॉपी फाड़कर विरोध जताया था। महिला आरक्षण बिल पर संसद में पहले खूब हंगामा हो चुका है।अब जब मोदी सरकार एक बार फिर महिला आरक्षण बिल पेश करने करने जा रही है तो इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है।
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