बिहार का राजगीर विविधताओं से भरा शहर है। पर्यटक के लिहाज से ये बेहद खास है। राजगीर हिंदू, बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है। पटना से 94 किलोमीटर दूर इस शहर में दूर-दूर से पर्यटक घूमने आते हैं। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, अध्यात्म और धार्मिक स्थल लोगों को आकर्षित करता है। राजगीर स्थित सोन भंडार गुफाएं तीसरी- चौथी शताब्दी के समय की हैं।
सोन भंडार गुफा को लेकर ऐसा कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने मगध सम्राट बिंबिसार को इसी स्थान पर धर्मोपदेश दिया था। अपने शासनकाल के दौरान एक बड़े पहाड़ को काटकर यहां अपना बेशकीमती खजाना छिपाया था। जिस कारण इसका नाम सोन भंडार पड़ गया। मौर्य शासन काल में बनी इस गुफा की चट्टान पर शंख लिपि से लिखा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि इस लिपि में ही बिंबिसार तक के खजाने तक पहुंचने का राज लिखा हुआ है। जो वैभवगिरी पर्वत सागर से होते हुए सप्तपर्णी गुफाओं तक जाता है।
हालांकि गुफा के इस लिपि को आज तक कोई पढ़ नहीं पाया है। अंग्रेजों ने भी इस गुफा पर गोले बरसा कर तोड़ने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहे। गुफा के संरचना की बात करें तो प्रवेश करते ही पहले एक बड़ा सा कमरा आता है। इसे सैनिकों के लिए बनाया गया था।
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