मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में लोगों को एक बार फिर चमकी बुखार डराने लगा है. चमकी बुखार बढ़ती गर्मी के साथ एक बार फिर अपना असर दिखाने लगा है. मुजफ्फरपुर में 2 और बच्चे संक्रमित मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया. जिले के बरुराज और बोचहा के एक-एक बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण मिले हैं. दोनों बच्चों में संक्रमण की पुष्टि के बाद अब तक कुल 47 बच्चे चमकी बुखार के चपेट में आ चुके हैं. हालांकि, अन्य सालों की तुलना में इस साल मामले कम हैं.
चमकी बुखार के लक्षण वाले दो बच्चों को भर्ती किया गया है. दोनों बच्चे चमकी बुखार से पीड़ि’त होकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं. सैंपल को लैब भेजकर जांच कराया गया है. भर्ती हुए बच्चे जिले के बरूराज और बोचहा के बताए जा रहे हैं. वहीं पहले से पीड़ित बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. मुजफ्फरपुर के अलावे अन्य जिलों से चमकी से पी’ड़ित बच्चे आ रहे हैं, जिसे लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चे ठीक होकर घर जा रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून माह तक जिन जिलों के बच्चे एइएस से पी’ड़ित हुए हैं, उसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया व शिवहर के शामिल हैं. जबकि मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली, रक्सौल, बेगूसराय, सीवान में बच्चे इस साल एइएस से पीड़ित नहीं हुए हैं. एइएस से पीड़ित होने वाले 5 जिलों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. चिकित्सकों की माने तो गर्मी कम होने और तापमान सामान्य होने तक बच्चों को इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
सिविल सर्जन यूसी शर्मा ने कहा कि हालांकि एईएस के मामले मुख्य रूप से मई के अंत से शुरू होते हैं, लेकिन जून में अत्यधिक गर्मी के कारण इस साल की शुरुआत में मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि बच्चे ठीक होकर घर जा रहे हैं. हमने समय से काफी पहले तैयारी शुरू कर दी थी और नतीजा यह हुआ कि इलाज और ठीक होने की दर दोनों अच्छी है. चमकी बुखार से सतर्क रहने की जरूरत है. बता दें कि चमकी बुखार एक गंभीर बीमारी है, जो अधिक गर्मी और नमी के मौसम में तेजी से फैलती है. ऐसे में इस लेख में हम आपके लिए लाए है कि कैसे आप चमकी बुखार के लक्षणों को पहचान सकते है और अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकते है, लेकिन लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाना आवश्यक है.
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