बिहार के भागलपुर जिले में डेंगू की बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अक्टूबर माह में ही किट जांच में डेंगू के संदिग्ध मरीजों का आंकड़ा 300 के पार हो चुका है। इसी बीच डेंगू का एक नया खतरा सामने आया है। दरअसल, कोरोना के वायरस की तरह डेंगू वायरस भी अपना वेरिएंट बदल चुका है। डेंगू के नये वेरिएंट का नाम डी-2 दिया गया है।
चूंकि भागलपुर में डेंगू का सीरो सर्वे नहीं हो सका है, इसलिए ये पता नहीं चल पा रहा है कि मिल रहे डेंगू के मरीजों में डी-2 वेरिएंट है या नहीं। लेकिन डी-2 वेरिएंट में डेंगू के मरीजों के अलग प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
ऐसे में चिकित्सकों को आशंका है कि यहां भी जिले के कुछ डेंगू के मरीजों में डी-2 वेरिएंट हैं। बड़ी बात यह है कि डेंगू का नया वेरिएंट उनलोगों की सेहत के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जिन्हें पूर्व में कोरोना हुआ है।
दूसरे ही दिन बुखार खत्म
एमसीएच डेंगू वार्ड जेएलएनएमसीएच के प्रभारी डॉ. राजकमल चौधरी कहते हैं कि जिन मरीजों में डी-2 वेरिएंट पाया जाता है, उनमें मरीज को पहले दिन ही बुखार होता है। दूसरे दिन उतर जाता है। जो अपने को स्वस्थ मान इलाज नहीं कराते हैं, उनकी तीसरे दिन तबीयत बिगड़ जाती है। जब तक उसे समझ में आता है कि उसे डेंगू की जांच करानी चाहिए, तब तक उसकी हालत खराब हो चुकी होती है।
एसडीपी चढ़ाने की जरूरत
वरीय फिजिशियन डॉ. बिनय कुमार झा बताते हैं कि डेंगू के नए वेरिएंट के मरीजों में तेज बुखार, शरीर में अकड़न की समस्या के साथ उसका प्लेटलेट्स भी कम होता है। नया वेरिएंट जहां लीवर पर असर डाल रहा है तो वहीं हेपेटाइटिस होने का खतरा रहता है। ऐसे में ज्यादातर को एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। इस वेरिएंट के मरीजों में पहले बुखार फिर दो दिन तक शरीर में थकान के लक्षण मिल रहे हैं।
Be First to Comment