बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का नारा लेकर जन सुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि देश के 6 राज्यों के मुख्यमंत्री उनके अभियान में आर्थिक मदद कर रहे हैं। पीके लगातार फंडिंग को लेकर भाजपा और अन्य दलों के निशाने पर रहे हैं।
बुधवार को जन सुराज पदयात्रा के दौरान जनता से संवाद करते समय उन्होंने कहा कि उन्होंने बतौर चुनावी रणनीतिकार देश में 11 चुनाव लड़वाए हैं जिनमें से 10 में जीत भी हासिल की है। उन्होंने कहा कि चाहे इसे कोई फीस समझे या फंडिंग अब 6 राज्यों के मुख्यमंत्री जन सुराज अभियान में मदद कर रहे हैं और कानूनी तौर पर कोई झोल भी नहीं किया गया है।
प्रशांत किशोर ने जन संवाद के दौरान बताया कि जन सुराज पदयात्रा और व्यवस्था परिवर्तन के अभियान में बहुत कम पैसे ही खर्च हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस काम में देश के 6 राज्यों के मुख्यमंत्री मदद भी कर रहे हैं। अब इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए क्राउड फंडिंग का प्लेटफार्म ततैयार किया जाएगा।
पार्टी बनाने और लोगों को जागरूक करने के लिए क्राउड फंडिंग का अभियान भी चलाया जाएगा। पीके ने बुधवार को बिहार में अब तक 200 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में बदलाव के लिए बिहार के लोगों का सहयोग सबसे जरूरी है और इसीलिए क्राउड फंडिंग के जरिए लोगों तक पहुंच कर उनका सहयोग लेकर आगे बढ़ा जाएगा।
क्राउड फंडिंग से 200 करोड़ की आस
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के 2 करोड़ लोग अगर 100 रुपये भी देंगे तो 200 करोड़ जुटाए जा सकते हैं और लोगों को अभियान से जोड़ने में भी आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कई पार्टियां जन सुराज अभियान की फंडिंग पर सवाल उठा रही हैं जबकि अभियान में लगने वाला एक एक रुपये पूरे पारदर्शी तरीके से अर्जित किया गया है।
पीके ने कहा कि पिछले 10 साल से जिन पार्टियों की मदद की उनसे पैसे नहीं लिए थे अब जरूरत पड़ने पर फीस ले रहा हूँ और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बिहार के लोग अपनी ओर से छोटा योगदान देकर भी इस पूरी प्रक्रिया में अपना योगदान दे पाएंगे। बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ है। अगर बिहार के 2 करोड़ लोग भी 100-100 रुपए देंगे तो 200 करोड़ रुपए हो जाएगा और जनता के पैसों से ही जन सुराज का अभियान आगे चलेगा।
प्रशांत किशोर बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का नारा लेकर जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं। पीके बिहार में लगभग डेढ़ साल तक चलने वाली पदयात्रा में बिहार के गांव गांव में पहुंचेंगे। बुधवार को प्रशांत किशोर ने 200 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर ली है। भाजपा, जदयू और राजद पीके पर फंडिंग को लेकर बार बार सवालिया निशान उठाती रहीं हैं। प्रशांत किशोर ने पहले भी कहा था कि अबतक जिन लोगों के लिए काम किया था उनसे अब फीस ले रहे हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
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