बिहार के सभी जिला अस्पतालों में छोटे-छोटे ऑपरेशन के लिए मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेफर किए जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार जब राज्य सरकार द्वारा मरीजों के इलाज के लिए दवा, ऑक्सीजन, उपकरण, जांच सहित अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं जिला अस्पतालों में उपलब्ध करायी जा रही है तब किसी मरीज के इलाज के लिए आने पर उसे तुरंत रेफर कर दिए जाने की प्रवृत्ति पर रोक को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
विभाग का प्रयास है कि उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा जिला अस्पतालों को संसाधनयुक्त बनाने के लिए दिए गए निर्देश का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए छोटी-छोटी बीमारी में ऑपरेशन की सुविधा जिला अस्पताल में ही उपलब्ध करायी जाएगी।
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर विभिन्न जिला अस्पतालों की जांच कर लौटने के बाद दिए गए रिपोर्ट में पदाधिकारियों ने जिला अस्पतालों में तीन शिफ्टों में सर्जन की तैनाती की अनुशंसा की है। सूत्रों ने बताया कि सभी जिला अस्पतालों में 24 घंटे सर्जन की मौजूदगी से ऑपरेशन से संबंधित मरीजों को छोटे से ऑपरेशन के लिए बड़े अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी कम होगा।
राज्य स्वास्थ्य समिति जिला अस्पतालों की जांच कर पदाधिकारियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट व अनुशंसा का आकलन कर रही है। इस आकलन के अनुसार ही जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दूर किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग व राज्य स्वास्थ्य समिति के समक्ष अगले 60 दिनों में व्यवस्था सुधारने की चुनौती अब भी बरकरार है। उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा स्वास्थ्य विभाग की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक किए हुए 13 दिन बीत चुके हैं। सात सितंबर को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था।
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