समस्तीपुर सदर अस्पताल का पिक वार्ड मलेरिया पी’ड़ितों से भर गया है। सदर अस्पताल में औसतन रोज 10 मलेरिया पी’ड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं। 1 सप्ताह के दौरान 50 से अधिक मलेरिया पीड़ि’तों का सदर अस्पताल में इलाज किया गया है जबकि 10 बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
सदर अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर नागमणि राज ने बताया कि गत सप्ताह से मलेरिया के रोगी लगातार सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं जिसमें से अब तक 20 बच्चों को पीकू वार्ड में भर्ती कर उपचार किया गया है। ठीक होने वाले 10 बच्चे वापस घर चले गए हैं। जबकि अब भी 10 उपचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मलेरिया पी’ड़ित होने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण लिए भी कुछ मरीज सदर अस्पताल पहुंचे थे। जिनका प्लेटलेट कम था लेकिन सदर अस्पताल में जांच नहीं होने के कारण उन्हें डीएमसीएच पीएमसीएच रेफर कर दिया गया।
जानिए कैसे होता है मलेरिया
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नागमणि राज ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बी’मारी है जो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है । अनोफलीज़ नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में ये वाइरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है।
सदर अस्पताल में डेंगू का क्यों नहीं होती जांच
बताया गया है कि सदर अस्पताल में डेंगू जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है। डेंगू जांच के लिए किट मलेरिया विभाग उपलब्ध कराती है। लेकिन अबतक सदर अस्पताल को किट नहीं मिला है अस्पताल उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार ने बताया कि डेंगू किट के लिए सेंट्रल स्टोर से डिमांड किया गया है। किट उपलब्ध होते ही जांच शुरू की जाएगी।
Be First to Comment