बक्सर जिले के नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर बीस स्थित सोहनीपट्टी का इलाका बारिश के बाद नरक में तब्दील हो गया है। नहर मार्ग पर जलजमाव के कारण लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो चुका है। वार्ड की उपेक्षा से नाराज निवर्तमान वार्ड पार्षद रंजीत कुमार सिन्हा उर्फ नन्हे लाल शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। इसके बाद नगर परिषद में अपने वार्ड की उपेक्षा और जनता से मिल रहे तानों से तंग आकर टावर से छलांग लगा जान देने पर आमादा हो गया।
खबर मिलते ही मौके पर नगर परिषद के डिप्टी चेयरमैन इंद्र प्रताप सिंह, सिटी मैनेजर असगर अली समेत अन्य कर्मी पहुंचे और समस्या के समाधान का भरोसा दिलाते हुए नीचे उतर आने की गुजारिश की। लेकिन, पार्षद रंजीत कुमार नीचे उतरने को तैयार नहीं था। टावर पर करीब तीस से चालीस फीट की ऊंचाई से मोबाइल पर बात कर ईओ, प्रशासक व अन्य बड़े अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहा था। उसका कहना था कि जनप्रतिनिधि का सम्मान उसके इलाके में होता है और हम यहां पर गाली सुन रहे हैं। वार्ड की दुर्दशा के चलते लोग तरह-तरह की बात कह रहे हैं। इससे अच्छा है कूदकर मर जाना।
तीन साल पहले नाला व सड़क निर्माण का हुआ था टेंडर
निवर्तमान पार्षद रंजीत ने कहा कि नहर मार्ग और नाला निर्माण के लिए तीन साल पहले ही टेंडर हुआ था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ। विकास के नाम पर वार्ड नंबर बीस सबसे पिछड़ा हुआ है। हम अपने वार्ड की जनता से गाली सुन रहे हैं और हमारी नगर परिषद में कोई नहीं सुनता। इससे तो बेहतर जान देना ही है। उन्होंने नगर परिषद में मुंहदेखी कर काम करने का भी आरोप लगाया।
एमएलसी ने डीएम से समस्या के समाधान को कहा
तीन घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के दौरान एक भी जिले का आलाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। नगर थाना के कोतवाल महज दस से पंद्रह मिनट के लिए आए और टावर पर चढ़े पार्षद से बात की। बात नहीं बनने की स्थिति में वे भी बैरंग लौट गये। खास तो यह है कि नगर परिषद की ईओ और प्रशासक भी नहीं पहुंचे। एमएलसी राधाचरण साह ने जानकारी मिलने पर डीएम अमन समीर से फोन पर बातचीत की। कहा कि जल्द वार्ड पार्षद की समस्या का समाधान कराए, जिसपर उन्होंने सदर एसडीओ को मौके पर जल्द भेजने का उन्हें आश्वासन तो दिया लेकिन कोई नहीं पहुंचा।
वोटरों की सहानुभूति के लिए ऐसा किया
वार्ड काउंसलर की हरकत को स्थानीय प्रशासन आने वाले निकाय चुनाव से जोड़ कर देख रहा हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि वार्ड काउंसलर की हरकत की सूचना को उनलोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। पता लगाया तो लोगों ने बताया कि चुनाव में वोटरों की सहानुभूति के लिए उसने ऐसा किया है। हालांकि प्रशासन की इस सोच के बारे में पूछे जाने पर उसके वार्ड के लोगों ने बताया कि वार्ड काउंसलर की मांग जायज है। वार्ड के लोग नारकीय जिन्दगी जीने को विवश हैं। पिछले चार साल से वार्ड काउंसलर के प्रयास के बाद भी इलाके में कुछ नहीं हो पाया है।
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