कोरोना वायरस की चौथी लहर भी शुरू है। जिसमें मरीजों की संख्या रफ्तार के साथ बढ़ने लगी है। वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर दो गज की दूरी मास्क जरूरी सबसे बड़ा माध्यम है। बावजूद बनमनखी में सार्वजनिक जगहों पर अब भी लोग कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति ला’परवाह नजर आ रहे हैं।
संक्रमण से बचने के लिए अगर सावधानी नहीं बरती गई तो लापरवा’ही भारी पड़ सकती है। बनमनखी क्षेत्र में कोरोना नियमों का पालन करना और कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। यहां जिला प्रशासन के आदेश का स्थानीय प्रशासन नजर अंदाज कर रहे हैं। यहां मास्क लोग नहीं पहन रहे हैं। मास्क पहनवाने में प्रशासन भी रूचि नहीं ले रही है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे को रोकने के लिए सरकार ने सभी लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है। खासकर बिना मास्क पहने रेलवे स्टेशनों पर घूमने बाले यात्री से 500 रुपये का जुर्माना का आदेश जारी किया गया है।
सरकार के आदेश और रेल प्रशासन की लापरवाही के वजह से बनमनखी स्टेशन पर ट्रेन से चढ़ने व उतरने वाले अधिकांश यात्री बिना मास्क के नजर आते हैं। ऐसे यात्री से जुर्माना तो दूर कोई टोकने वाला भी नजर नहीं है। इधर नगर परिषद के भावी प्रत्याशी व उनके समर्थक भी लोगों के बीच बिना मास्क के कोरोना बम लेकर बेरोकटोक घूम रहे हैं।
बनमनखी स्थित सब्जी मंडी में दुकानदारों एवं ग्राहकों को सरकार के कोरोना गाईडलाईन और प्रशासन के आदेश का कोई असर नहीं है। इन्हें कोरोना संक्रमण का डर नहीं है। सब्जी मंडी में जमा भीड़ देख अंदाजा लगाया जा सकता है,कि यहां कारोबार करने वाले लोग संक्रमण को बढ़ाने में कितने मददगार बन रहे हैं।
सैकड़ों लोगों की भीड़ में इक्का-दुक्का व्यक्ति को छोड़कर किसी ने भी मास्क पहना मुनासिब नहीं समझते हैं। जबकि गत वर्ष सरकार के गाईड-लाईन के अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने संक्रमण पर बेकाबू होने के बाद मार्केट और सब्जी मंडी को बंद कराया था। लेकिन इस बार बनमनखी प्रशासन अभीतक कोरोना संक्रमण को हल्के में ले रही है। प्रशासन के द्वारा कहीं भी मास्क जांच अभियान नहीं चलाया जा रहा है।
कोरोना गाईड-लाईन के तहत मास्क जांच चेकिंग के लिए उपर से कोई आदेश तो नहीं आया हुआ है। वैसे तो लोगों को खुद की सुरक्षा के लिए मास्क तो जरूरी है। ऊपर से आदेश आते हीं जांच शुरू कर दिया जाएगा।
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