मुजफ्फरपुर : एईएस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग हर दिन सभी प्रखंडों में ओआरएस बांटने का दावा कर रहा है। जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक में भी विभाग ने सभी कार्यक्रम सही तरीके से चलने की बात बताई, लेकिन जमीन पर सच्चाई दूसरी है। प्रखंडों में बांटने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को मिले ओआरएस के पैकेट व बुखार की दवा पैरासिटामोल खत्म हो गई है।
एक आशा को ओआरएस के 50 से 60 पैकेट मिले थे, जबकि हरेक के जिम्मे 100 से 250 तक घर रहते हैं। उन्हें पहले ही कम ओआरएस के पैकेट मिले थे। खत्म होने के बाद अस्पताल से दोबारा पैकेट बांटने के लिए नहीं मिले। एईएस से बचाव के लिए 20 दिन पहले सभी आशा को एक एईएस किट दी गई थी। इसमें ओआरएस के साथ पैरासिटामोल भी रहती है। पैरासिटामॉल भी खत्म हो गई है।
आशा संघ की सचिव ने बताया कि उनके जिम्मे 250 घर हैं, लेकिन पैकेट सिर्फ 50 मिले हैं। बाकी 200 घरों के लिए ओआरएस नहीं मिला वहीं, सिविल सर्जन का कहना है कि पर्याप्त ओआरएस है। जिन आशा के पास पैकेट खत्म हो गए हैं, वे पीएचसी से ले लें। मालूम हो कि इस साल एसकेएमसीएच में अबतक एईएस के 21 केस मिले चुके हैं। इनमें 11 मुजफ्फरपुर के हैं।
एसकेएमसीएच में एईएस का एक संदिग्ध मरीज गुरुवार को भर्ती किया गया। वह बंदरा पीएचसी से रेफर किया गया था। पीकू में उसका इलाज किया जा रहा है। वहीं, सकरा की एईएस पीड़ित बच्ची को ठीक होने के बाद अस्प्ताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
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