Press "Enter" to skip to content

बेगूसराय : मिट्टी के दीयों के कम आ रहे खरीदार

बेगूसराय : दीपावली में मिट्टी के दीयों और खिलौनों का खासा महत्व है। लेकिन, बेगूसराय में इस बार कुम्हारों के इस पुश्तैनी पेशे पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

दिपावली को लेकर मिट्टी की कलाकृतियों को नये-नये रूपों में ढालकर दीप, खिलौने, कुप्पी बना तो रहें हैं, लेकिन खरीददार कम होने से कुम्हार दो वक्त की रोटी को भी मोहताज हैं। इन लोगों का कहना है कि अब मिट्टी के समान बनाने में भी लागत मूल्य भी अधिक लगता है, लेकिन उस तरह की आमदनी नहीं होती है।

बेगूसराय शहर के पोखरिया मोहल्ले में दर्जनों परिवार दीपावली को लेकर रात दिन लगातार दीप, प्याली , कुप्पी और बच्चों के लिए खिलौने बनाने का काम कर रहे हैं। उम्मीद है इस दीपावली में मिट्टी के बनाए दीप बिकेंगे।

कुम्हारों ने बताया कि मिट्टी तो महंगी हो ही चुकी है, जलावन भी महंगा हो गया है। इस वजह से मिट्टी के सामान बनाने में लागत मूल्य बढ़ गयी है, जबकि दूसरी ओर मिट्टी के दीप की बिक्री घट गई है।

कुम्हारों के अनुसार, आज के युग में लाइट बिजली के बल्ब की वजह से लोग पूजा के लिए दीप तो खरीद लेते हैं, लेकिन मिट्टी के बर्तन की बिक्री घट गई है। पहले मिट्टी की कुप्पी को केरोसिन से जलाकर पूरे घर को सजाया जाता था।

अब उसका स्थान बिजली के बल्ब और मोमबत्ती ले लिया है। इससे बिक्री पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है। मिट्टी की सामग्री बनाने में जुटे लोग सरकार से मदद की भी गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें सरकारी मदद मिले ताकि इनका व्यवसाय जिंदा रह सके।

Share This Article
More from ADMINISTRATIONMore posts in ADMINISTRATION »
More from BEGUSARAIMore posts in BEGUSARAI »
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from BUSINESSMore posts in BUSINESS »
More from FEATUREDMore posts in FEATURED »
More from GENERALMore posts in GENERAL »
More from NewsMore posts in News »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *