गोरौल(वैशाली)। कोरोना के कारण लॉकडाउन समाप्त होते ही भक्तों ने अपने इष्टदेव बाबा गरीबनाथ के जलाभिषेक की ठान ली है। सभी वैशाली जिले के पहलेजा घाट से जल लेकर मुजफ्फरपुर के लिए रवाना भी हो चुके हैं।
ये भोले बाबा के प्रति लोगों की अटूट आस्था ही है कि जैसे ही मंदिर के ताले खुले, भक्तों ने किसी व्यवस्था या मौसम की परवाह नहीं की। बस, कांधे पर कांवर लिया और चल पड़े। अब उनके बोलबम के नारों से एनएच 22 का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
ऐसा नहीं है कि बाबा गरीबनाथ धाम में भी इन कांवरियों के लिए कोई व्यवस्था की गयी हो या विशेष सजावट हो। मंदिर प्रबंधन तो कांवरियों के आने की सूचना से भी अनजान है।
बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित विनय पाठक ने बताया कि उन्हें अभी तक किसी कांवरिये के आने की कोई सूचना नहीं है। हां, कांवरिये आते हैं तो उनके लिए मंदिर के पट खुले हैं। कोरोना गाइड लाइन्स का पालन कराते हुए सभी को जलाभिषेक की अनुमति दी जाएगी।
बताते चलें कि कोरोना के कारण बीते दो सालों से देश में कहीं भी कांवर यात्रा नहीं हुई। मुजफ्फरपुर में तो सावन माह में कांवर यात्रा होती है, लेकिन यह पहली बार है कि भादो मास में कांवरियों ने यात्रा शुरू कर दी है।
हालांकि की इन कावरियों के लिये अभी चौक चौराहों पर कोई सुविधा नही है। फिर भी इनके जोश में कोई कमी नहीं दिख रहा। कांवर लेकर जा रहीं राजन देवी, केशो देवी, लालो देवी, चंदो देवी, बासदेव दास, हरिमोहन, बिशेस्वर सिंह सहित दर्जनों कांवरियों ने बताया कि हमलोगों ने सोमवार को पहलेजा घाट से जल भरा था। शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंच कर बाबा गरीबनाथ धाम में जलाभिषेक करेंगे।
ऐसा नहीं है कि इसके बाद उनकी यात्रा समाप्त हो जाएगी। यहां से भी उनकी कांवर यात्रा जारी ही रहेगी। सभी कांवरिये औराई प्रखंड स्थित बाबा भैरव स्थान जाकर भैरव रूपी महादेव का जलाभिषेक करेंगे। कांवरियों ने कहा कि कोरोना के कारण मंदिर बंद थे। इसलिए महीनों से हमलोग मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। जीवन का क्या भरोसा, कल रहें न रहें। अब मंदिर खुल गया है तो भगवान का जलाभिषेक होना ही चाहिये। कावरियों के चेहरे पर श्रद्धा और विश्वास का भाव साफ झलक रहा था।
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