बिहार में दूसरे चर’ण के लिए मतदान शुरू हो गया है। यह दूसरा पड़ाव सत्ता संग्राम का अहम पड़ा’व है। सबसे अधिक सीटों पर मतदा’न होने के कारण इस चर’ण में सभी दलों ने पहले की तुलना में ज्या’दा ताक’त झोंकी है। मुद्दों पर महास’मर छड़ गया है। पीएम से लेकर सीएम तक और नेता प्रतिपक्ष से उम्मीद’वारों तक हम’लावर रहे हैं। एनडीए ने जंगल’राज, परिवा’रवाद, सुशा’सन और विकास को मोहरा बनाया है। वहीं महाग’ठबंधन ने कमाई, पढ़ाई, दवाई, सिंचाई और महंगाई को हथियार बनाया है। अब मतदा’ता तय करेंगे कि किसके वायदों और दावों में कितना दम है। मुद्दे जो छाए रहे ..
डबल युव’राज व जंग’लराज
प्रधा’नमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाष’ण में राजद शा’सन के 15 सालों पर जमकर प्रहार किया। उस दौर को जंगल’राज तथा तेजस्वी यादव को इसका युव’राज बताया। राहुल गांधी पर निशा’ना साधते हुए कहा कि बिहार में भी डबल युवराज का वही हश्र होगा, जो उत्तर प्रदेश चुनाव में हुआ था। एकत’रफ डबल इंजन की सरकार है तो दूसरी और डबल युवराज हैं। बेनामी संपत्ति को भी उन्होंने मुद्दा बनाया। कहा कि एनडीए का प्रयास गरीबों के पक्के मका’न बनाने की है तो विपक्ष की चिंता अपनी संपत्ति छिपाने की है। दूसरे चर’ण के चुनाव जहां पर हैं, वहां पर पांच जनसभाओं को प्रधा’नमंत्री ने संबो’धित किया।
रोजगार
राजद नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि उनकी सर’कार बनी तो दस लाख को नौक’री देंगे। इसके बाद से यह मुद्दा केंद्र में आया और सभी ने अपनी प्रतिक्रि’याएं इसपर दी। इस मुद्दे पर मुख्यमं’त्री नीतीश कुमार ने राजद को आड़े हाथों लिया और कहा कि उनलोगों के शासन में 15 सालों में सिर्फ 95 हजार नौक’रियां मिली, जबकि एनडीए शासन में छह लाख से अधिक नौक’री इतनी ही अवधि में दिये गये। यह भी कहा कि दस लाख की नौकरी देने की विपक्ष की बात हवा-हवाई है। इतनी नौकरी देने के लिए सालाना 1.44 लाख करोड़ की आवश्य’कता होगी। इसको लेकर उनलोगों ने कुछ सोचा नहीं है। बस, ऐसे ही बोल दिया है। हालांकि इसको लेकर फिर तेजस्वी यादव ने पलटवार किया कि वे इतनी नौक’री देकर दिखाएंगे। इस मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि बिहार के श्रमि’क पूरे देश में काम करते हैं, पर यहीं पर उन्हें रोजगार नहीं मिलता है। महाग’ठबंधन की सरकार बनी तो सभी को यहां रोज’गार देंगे।
विकास, बेरोज’गारी और अप’राध
विकास और अपराध का मुद्दा भी छाया रहा। मुख्य’मंत्री ने कहा है कि पिछले 15 सालों में बिहार का काफी विकास हुआ और अगली बार मौका मिला तो इसे विक’सित राज्य बनाएंगे। हर घर में बिज’ली पहुंची। सड़कों का जाल बिछा है। अब हर शहर और बड़े बाजार के पास बाइपास बनाएंगे। बाइ’पास के लिए जगह नहीं मिली तो वहां ऊपरी पुल बनाएंगे। एक-एक युवा को तक’नीकी प्रशिक्षण देंगे, ताकि बेहतर रोजगार उन्हें मिल सके। रोजगार के लिए किसी को मजबूरी में बिहार से बाहर जाने की जरूर’त नहीं होगी। वहीं वर्ष 2005 के पहले राज्य में अप’राध चरम पर था। अपहरण एक उद्योग बना हुआ था। शाम होने के बाद घरों से निकलने में लोग घबराते थे। अगर, फिर उनलोगों की सर’कार बनी तो व्यापारी यहां से भागने लगेंगे। वहीं तेजस्वी यादव ने इसपर ज’वाब दिया है कि पिछले 15 सालों में शिक्षा व्यव’स्था चौपट हो गई है। बेरोज’गारी चरम पर है।
शराबबंदी व महं’गाई
शरा’बबंदी को पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही मुद्दा बनाया है। सत्ता’पक्ष ने कहा कि इससे राज्य में गरीबों के जीवन में खुशहाली आई है। महिला के प्रति होने वाली हिंसा में काफी कमी आई है। मुख्य’मंत्री ने कहा है कि महिलाओं के कहने पर ही उन्होंने शराब’बंदी की है। शराब का महिला’ओं के जीवन पर काफी खराब असर था। वहीं विपक्ष ने कहा है कि राज्य में शराब’बंदी का माखौल उड़ रहा है। अवैध शराब की धड़ल्’ले से बिक्री हो रही है। इस संबंध में लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भी सर’कार को आड़े हाथों लिया है। कहा है कि शराब की तस्’करी व्यापक स्तर पर हो रही है। उनकी सर’कार बनेगी तो शराब’बंदी को और सख्ती से लागू की जाएगी।
Be First to Comment