प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध बालू खनन एवं धनशोधन जांच (पीएमएलए) मामले में पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडेय के तीन अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। शुक्रवार को ईडी की टीम सुबह में ही हुलास पांडेय के पटना स्थित दो और बेंगलुरु स्थित एक ठिकाने पर एक साथ छापेमारी की। हुलास लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के करीबी माने जाते हैं। ईडी की टीम ने दानापुर के गोला रोड स्थित एक्सप्रेशन एक्जोटिका के ब्लॉक-ए के फ्लैट नंबर 407 की तलाशी ली। इसके लिए ईडी की टीम अहले सुबह छह बजे ही पहुंच गयी थी।जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम को यहां से बड़ी संख्या में डिजिटल साक्ष्य, बैंक के पासबुक, जमीन के कागजात एवं नकदी मिली है। टीम ने बंद कमरे में पूछताछ के बाद वहां से कई महत्वपूर्ण जमीनों के दस्तावेज जब्त किये। ईडी की एक अन्य टीम ने बोरिंग रोड स्थित कार्यालय पर भी छापेमारी की। अब ईडी की टीम बरामद किए गए सभी साक्ष्यों की जांच कर रही है।उधर, पूर्व एमएसी के बेंगलुरु स्थित एक फ्लैट की तलाशी ली गई, जहां इन दिनों हुलास पांडेय का परिवार रह रहा है। बिहार में नदियों से अवैध बालू खनन एवं कर चोरी से जुड़े करीब 500 करोड़ रुपये के मामले में हुलास पांडेय की हिस्सेदारी 50 करोड़ की बतायी जा रही है। ईडी सूत्रों के अनुसार हुलास पांडेय का बालू के अवैध खनन करने वाले सिंडिकेट में करीब दस फीसदी की हिस्सेदारी सामने आयी है। ईडी उनके द्वारा अवैध तरीके से संपत्ति बनाने के आरोपों की जांच कर रही है।
ईडी बिहार में अवैध बालू खनन से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रही है। इसी मामले में हुलास पांडेय और कुछ अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, ईडी के अधिकारी देर शाम तक छापेमारी एवं बरामदगी को लेकर बहुत कुछ जानकारी देने से बचते रहे। हुलास पांडे पूर्व विधायक सुनील पांडे के भाई और वर्तमान तरारी विधायक विशाल प्रशांत के चाचा हैं। वे ऊंची राजनैतिक रसूख वाले नेता हैं। उनका नाम बिहार के बाहुबली नेताओं में शुमार है।
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