सुपरकॉप एवं सिंघम जैसे शब्दों से विभूषित सीनियर आईपीएस शिवदीप वामनराव लांडे ने अपने पद से अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। शिवदीप लांडे ने पूर्णिया का आई जी रहते इस्तीफे का ऐलान किया जिसे नीतीश कुमार की सरकार के स्तर पर अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।
दरअसल लोग यह जानने को बेताब हैं कि बतौर पुलिस पदाधिकारी सदा पब्लिक के साथ बने रहने वाले लांडे के साथ आखिर क्या हुआ कि वे लोगों से बिल्कुल कट गए। इस्तीफे की पेशकश के बाद दफ्तर आने से लेकर सरकारी मोबाइल पर कॉल का रिस्पांस तक नहीं दे रहे हैं। इससे उनको लेकर सस्पेंश बढ़ता जा रहा है।
दरअसल 19 सितंबर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा देने की घोषणा कर बिहार के सिंघम कहे जाने वाले शिवदीप लांडे ने सबको चौंका दिया था। आखिर लांडे ने नौकरी से इस्तीफा क्यों दिया? आगे क्या करेंगे? बिहार उनकी कर्मभूमि रहेगी तो यहां क्या करने जा रहे हैं? ऐसे कई सवाल है जो लोगों के मन में कौंध रहे हैं। संभवतः जन सुराज टीम को ज्वाइन कर पटना से चुनाव लड़ने की खबरें भी आने लगी थी। लेकिन दूसरी बार सोशल मीडिया पर अपनी बात कहकर आईपीएस लांडे ने इन कयासों पर भी विराम लगा दिया।
काम्या मिश्रा के बाद शिवदीप लांडे जैसे तेज तर्रार आईपीएस के इस्तीफे के पर बिहार में राजनीति भी जमकर हुई राजद ने लांडे के इस्तीफे को हथियार बनाकर नीतीश कुमार पर हमला किया। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में अच्छे अधिकारी काम करना नहीं चाहते हैं। पहले काम्या मिश्रा जैसी अच्छी अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दिया और अब शिवदीप लांडे जैसे अधिकारी ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। बिहार में रिटायर्ड अधिकारी की मनमानी चल रही है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। ऐसे में बिहार का बड़ा नुकसान हो रहा है।
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