बिहार में अब वोकेशनल कोर्स में क्रेडिट सिस्टम लागू किया जाएगा। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी में अगले सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू करने की तैयारी है। उच्च शिक्षा निदेशालय इस पर विचार कर रहा है। राजभवन की मंजूरी के बाद बीआरएबीयू समेत सभी विश्वविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स में सीबीसीएस लागू होगा। इससे छात्र छात्राओं को पीजी की पढ़ाई करने में एक साल का कम समय लगेगा।
उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. रेखा कुमारी ने बताया कि हमलोग वोकेशनल में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। विवि में कोई भी बदलाव राजभवन के निर्देश के बाद ही किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि सेमेस्टर सिस्टम पर हमलोग उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में चर्चा भी करेंगे। स्नातक स्तरीय वोकेशनल कोर्स में बदलाव के साथ पीजी में भी बदलाव करना होगा। हम इन सभी चीजों पर विचार करेंगे।
सीबीसीएस पिछले वर्ष स्नातक के सामान्य विषयों में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया था। उसके बाद से ही वोकेशनल कोर्स में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू करने पर चर्चा शुरू हो गई थी। स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के साथ स्नातक स्तर के विषयों में नये सिलेबस भी लागू किये गये थे।
इस वर्ष वोकेशनल के कई विषयों में सीटें खाली रह गई हैं। कई कॉलेजों में बायोकेमेस्ट्री और आईएमबी विषयों में दाखिले नहीं हुए हैं। एलएस कॉलेज में बीजेएमसी में 50 सीटों में 22 दाखिले हुए हैं। तो आईएमबी में 50 सीटों में 20 दाखिले हुए हैं। एमडीडीएम में बीसीए की 100 सीटों पर 42 दाखिले हुए हैं। आईएमएबी में 50 सीटों पर 25 दाखिले हुए हैं। आरबीबीएम में सीएनडी कोर्स में 50 में 17 दाखिले हुए हैं। रामेश्वर कॉलेज में बीबीए में 50 सीटों पर 36 दाखिले हुए हैं। कॉमर्स विभाग में चलने वाले एमबीए में 90 सीटों पर 50 छात्रों ने दाखिले लिए हैं।
सामान्य कोर्स की तरह वोकेशनल कोर्स में भी चार वर्ष का स्नातक कोर्स करने के बाद एक साल की पीजी की पढ़ाई करनी होगी। इसके अलावा 7.5 सीजीपीए मिलने के बाद विद्यार्थी स्नातक के बाद सीधे पीएचडी के लिए सक्षम हो जायेगा। उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि सीबीसीएस लागू करने से पहले हमें सभी आयामों के बारे में विचार करना है।
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