पटना: लोकसभा स्पीकर को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बनने पर अब कल अध्यक्ष पद के लिए पहली बार वोटिंग होगी। एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ इंडी गठबंधन ने के. सुरेश को मैदान में उतारा है। विपक्षी दलों ने सरकार के सामने शर्त रखी थी कि लोकसभा का डिप्टी स्पीकर विपक्ष का होगा, तब वह सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा। हालांकि एनडीए ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया और चुनाव में जाने का फैसला लिया है। कल होने वाले चुनाव को लेकर एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने अपना रूख स्पष्ट कर दिया है।
जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के विषय पर बात करने के लिए वेणु गोपाल और टी. आर बालू राजनाथ सिंह से मिलने के लिए आए थे। इस मुद्दे पर विपक्ष के दोनों नेताओं ने रक्षा मंत्री के साथ चर्चा की। राजनाथ सिंह ने उन्हें एनडीए की तरफ से जो स्पीकर के उम्मीदवार हैं उनका नाम बताया और समर्थन मांगा।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता वेणु गोपाल का कहना था कि डिप्टी स्पीकर के पद को तत्काल स्वीकार किया जाए, जिसपर राजनाथ सिंह ने कहा कि जब डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा तब सभी दल साथ बैठकर बात करेंगे और डिप्टी स्पीकर कौन होगा यह तक कर लेंगे लेकिन वो अपनी शर्त पर अड़े रहे और शर्त के आधार पर वो लोग लोकतंत्र चलाना चाहते हैं। विपक्ष दबाव की राजनीति करना चाहता है लेकिन लोकतंत्र में दबाव की राजनीति नहीं चलती है।
ललन सिंह ने कहा कि जब रक्षा मंत्री ने उनसे वादा किया कि जब उपाध्यक्ष का चुना होगा तो तय किया जाएगा, लोकतंत्र में बातचीत से ही रास्ता निकलता है। वो लोग नहीं मानें और शर्त को स्वीकार करने की जिद पर अड़े रहे, तो शर्तों के आधार पर लोकतंत्र नहीं चलता है। 26 जून को होने वाले लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर अपनी पार्टी जेडीयू का स्टैंड क्लियर करते हुए ललन सिंह ने कहा कि हम लोगों ने अपनी तरफ से ओम बिरला का नामांकन दाखिल कर दिया है।
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