पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के सख्त आदेश के बाद भी शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति का खेल जारी है। प्रतिनियोजन खत्म करने का आदेश धरातल पर शत-प्रतिशत लागू नहीं हो सका है। ताजा मामला मुशहरी प्रखंड का है। राजकीय कृत उच्च विद्यालय द्वारिकानगर की शिक्षिका प्रतिनियुक्ति पर हैं। स्कूल के औचक निरीक्षण से यह बात सामने आई है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना नासिर ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि सात जुलाई 2022 से शिक्षिका द्वारिकानाथ उच्च विद्यालय में प्रतिनियुक्त है, जबकि अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा रखी है। शिक्षा विभाग के कार्यालय से लेकर अन्य स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षक प्रतिनियोजन पर हैं। उच्च विद्यालय द्वारिकानगर का निरीक्षण कई बार हो चुका है, लेकिन डीपीओ स्थापना को छोड़ किसी भी अधिकारी ने प्रतिनियोजन का उल्लेख नहीं किया। इसका लाभ उठाकर शिक्षक पौने दो साल से प्रतिनियोजन पर हैं। स्कूल का निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
दूसरी ओर इस स्कूल में जनवरी से अप्रैल 2024 तक पंजी पर शिक्षकों की उपस्थिति नहीं बनी है। सादे कागज पर हाजिरी बन रही थी। जिसका उल्लेख अब तक किसी अधिकारी ने नहीं किया है। एक शिक्षक ने बताया कि निरीक्षण के नाम पर महज कागजी खानापूर्ति होती है। अपर मुख्य सचिव का आदेश सिर्फ शिक्षकों के लिए है। उधर, जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिनियोजन की जानकारी नहीं है। शिकायत आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव के आदेश पर स्कूलों के निरीक्षण में बिना सूचना के 31 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। जिला शिक्षा अधिकारी ने अनुपस्थित शिक्षकों के वेतन में कटौती का आदेश दिया है। वहीं इन शिक्षकों से तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है।
Be First to Comment