मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर की शाही लीची विश्व भर में प्रसिद्ध है और यही लीची राज्य को पूरी दुनिया भर में सम्मान दिलाती है। लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश दोनों लीची के दुश्मन है। मौसम के दुष्प्रभाव से फल को बचाने के राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी के वैज्ञानिक शाही लीची के तापमान सहने की क्षमता पर शोध करेंगे।
वैज्ञानिक जिले के शाही लीची के बगानों में कुछ अलग दिखने वाले पेड़ और फल की जानकारी के लिए किसानों से संपर्क कर रहे हैं। अच्छी किस्म को विकसित कर ज्यादा उत्पादक बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण लीची में मंजर आने से लेकर फल तैयार होने तक मौसम को लेकर संशय बना रहता है। अप्रैल माह में पछिया हवा और तापमान अधिक रहने से लीची के लिए कठिन समय रहा।
वैज्ञानिक वैसे शाही लीची की तलाश कर रहे हैं, जिस पर पारा का असर कम पड़ा हो और आकार दूसरे से बड़ा हो और उसके स्वाद में भी अंतर हो, वैसे पौधे को लीची अनुसंधान केन्द्र में संबंधित किसान के नाम से निबंधन कर उस पौधे को लीची अनुसंधान केन्द्र में विकसित किया जाएगा। शोध सही रहा तो शाही लीची की मांग बाजार में बढ़ेगी और किसानों को शाही लीची की नई किस्म लगाने का अवसर मिलेगा। इस विषय पर मंथन के लिए सात मई को अनुसंधान केन्द्र में किसान और वैज्ञानिक की बैठक होनी है।
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