NEW DELHI : चीन से लगी सीमा पर हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख से जहां भारतीय जवानों पर चीनी सेना ने फाय’रिंग की है, जिसका भारतीय सेना ने मुहतो’ड़ जवाब दिया है। फिलहाल किसी भी तरह के जा’न माल की कोई खबर नहीं है। सूत्रों का कहना है कि चीन के सै’निक मुखपारी चोटी पर क’ब्जा करने के लिए गलवान जैसी हिं’सा दो’हराना चाहते थे और भारतीय सैनिकों को ब’चाव में हवा में गो’ली चलानी पड़ी।
सूत्रों का कहना है कि पीएलए के सै’निक गलवान जैसी हिं’सा को दो’हराने के फि’राक में थे। हथि’यारों से लै’स चीनी सैनिक शेनापाओ/गॉड पाओ पहाड़ी की तरफ बढ़े। यह चोटी थाकुंग और स्पांगुर गैप के बीच में स्थित है। चीनी सै’निकों को लग रहा था कि वे गलवान की तरह से भारतीय सै’निकों पर ह’मला करेंगे और चूंकि दोनों देशों के बीच गो’ली नहीं च’लाने का समझौता हुआ है, इसलिए भारतीय सै’निक गो’ली नहीं चलाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि चीनी सै’निकों को आगे बढ़ने की चेता’वनी नहीं दी गई थी और चीनी से’ना के कमांडरों ने उस समय एक भारतीय ब्रिगे’डियर के साथ वि’चार-विमर्श किया था ताकि किसी भी वृ’द्धि को रोकने के लिए अपने ब’लों को ख’ड़े होने के लिए कहा जाए। हालांकि चीन की तरफ से इसको लेकर अगल ही दा’वा किया गया है। पीपुल्स लिबरेशन आ’र्मी के एक प्रवक्ता ने कहा, “चीनी सीमा र’क्षकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए जवा’बी का’र्रवाई करने के लिए मज’बूर किया गया।”
पीपुल्स लिबरेशन आ’र्मी के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय से’ना ने अवै’ध रूप से एलएसी को पार कर पैंगोंग झील और शेनपाओ पर्वत क्षेत्र के दक्षिणी तट में प्रवेश किया। बयान में कहा गया है, “ऑपरेशन के दौरान भारतीय से’ना ने चीनी सीमा प्रह’रियों के ग’श्ती कर्मियों को क’थित तौर पर धम’काया और चीनी सीमा र’क्षकों को ज़मीन पर स्थिति को स्थिर करने के लिए जवा’बी का’र्रवाई करने के लिए मज’बूर किया।”
चीन ने इसे “बहुत ख’राब प्रकृति का गंभीर उक’सावे” की संज्ञा देते हुए कहा, “हम भारतीय पक्ष से खत’रनाक कार्यों को तुरंत रोकने का अनु’रोध करते हैं।” बता दें कि पिछले हफ्ते में चीनी सै’निकों ने लद्दाख के पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर उ’त्तेजक का’र्रवाई की थी। लेकिन भारत LAC पर इन प्रयासों को एकतरफा रूप से यथास्थिति को बद’लने से रो’कने में स’क्षम था, विदेश मंत्रालय ने कहा था, यह रेखांकित करते हुए कि कोई शारी’रिक झ’ड़पें नहीं थीं। पिछले 45 सालों में ये पहली बार है जब LAC पर इस तरह से फाय’रिंग हुई है। इससे पहले साल 1975 में गो’लीबारी हुई थी।
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