लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार के सदस्यों से ईडी की पूछताछ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिएक्शन सामने आया है। सीएम ने कहा है कि यह कानूनी मामला है। जांच चल रही है। जांच के बाद इस मामले में सब कुछ पता चल जाएगा।
बिहार की सियासत इन दिनों लालू यादव और तेजस्वी यादव से ईडी की पूछताछ पर गरमाई हुई है। 28 जनवरी को आरजेडी सत्ता से बाहर हुई और 29 जनवरी को लालू यादव से ईडी ने पूछताछ शुरू कर दिया। लगभग 10 घंटे तक राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के दफ्तर में 10 घन्टे रहे और 50 से अधिक सवालों पर पूछताछ की गई। ईडी के अधिकारियों ने लालू यादव को खाना, नाश्ता और दवा खिलाकर पूछताछ की। इधर दफ्तर के बाहर भारी भीड़ लगी रही।
अगले दिन 30 जनवरी को पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बारी थी। उनको भी ईडी ने दफ्तर तलब किया और करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। तेजस्वी यादव से 65 से ज्यादा सवाल पूछे गए। खासकर यह चर्चा में रहा कि जब नाबालिग थे तो इतनी बड़ी संपत्ति कहां से आ गई। दिल्ली में डेढ़ सौ करोड़ के बंगले की चर्चा जोर-शोर से उठी।
बुधवार को नीतीश कुमार ने इस सवाल पर जवाब दिय। इससे पहले लैंड पर जॉब केस में कुछ बोलने से नीतीश कुमार बचते नजर आते थे। पटेल भवन में पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक करके बाहर निकल नीतीश कुमार ने लैंड फॉर जॉब केस में लालू तेजस्वी से पूछताछ पर कहा कि उनके परिवार के सदस्यों पर बहुत पहले से नौकरी के लिए जमीन लेने के आरोप लगे हुए हैं। अब उसमें जांच चल रही है। अगर चार्ज है और उसमें जांच चल रही है तो क्या दिक्कत है। सब जांच के बाद पता चल जाएगा कि इसका क्या मतलब है। हमको उन लोगों ने या किसी अन्य ने कभी कुछ नहीं बताया।
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