पटना: बिहार में नौकरी और रोजगार की समस्या के कारण विदेशों में रोजगार की खोज में हर साल हजारों लोग जाते हैं। कई लोगों के आसानी से काम मिल जाते हैं तो कई लोग दलाल के शिकार बनकर परेशान हो जाते हैं। उनकी सुरक्षित वापसी भी बड़ी समस्या बन जाती है। ऐसे में बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बिहार के लोगों को विदेशों में रोजगार मिले और दलालों के चक्कर में पड़कर गलत तरीके से विदेश में जाकर नहीं फंसे, इसको लेकर श्रम संसाधन विभाग देश की दो दर्जन से अधिक कंपनियों से करार करने जा रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, करार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है जिससे विदेशों में कामगारों को सुरक्षित और बेहतर रोजगार मिल सके। विभाग ने मार्च तक करार करने का लक्ष्य रखा है। करार करने वाली कंपनियां विदेशों में नियोजन के लिए कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आवेदन की जांच की जायेगी। इसके लिए साक्षात्कार पर्षद का गठन जल्द से जल्द किया जायेगा।
नियोजन के लिए चयनित आवेदकों के लिए अल्पकालीन शिक्षण, रिफ्रेशर पाठयक्रम की व्यवस्था की जायेगी। बिहार से विदेश जाकर रोजगार करने वालों को मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों की जांच-पड़ताल पटना में अवस्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय प्रोटेक्टर्स ऑफ इमिग्रेंट ऑफिस के माध्यम से अभी हो रही है।
पहले पटना में कार्यालय नहीं होने पर बिहार के लोगों को कोलकाता या रायबरेली जाना पड़ता था। अब पटना के नियोजन भवन में इसका कार्यालय खुल गया है। वहीं से सुरक्षित रूप से विदेश जाने और बाहर जाने पर ठोस रोजगार मिल जाए, इसकी व्यवस्था की जाएगी। विदेशों में रहने वालों का आंकड़ा रखा जाएगा और उनकी समस्याओं पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी। खासकर संपर्क करने वालों की सहायता भी की जाएगी। अभी लोग दलालों के माध्यम से चोरी छिपे चले तो जाते हैं लेकिन, अक्सर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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