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दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में पटना दूसरे पायदान पर, जानें अन्य शहरों का हाल

पटना: राजधानी पटना के प्रमुख छह क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता खराब और बहुत खराब श्रेणी में है। प्रशासन की ओर से तुरंत उपाय नहीं किया गया तो स्थिति गंभीर हो जाएगी। गांधी मैदान का औसत सूचकांक 453, राजवंशी नगर का 416, समनपुरा 385, पटना सिटी 381, दानापुर 359 और आयकर गोलंबर का 263 हो गया है। गांधी मैदान का अधिकतम सूचकांक 500 तक पहुंच गया है। दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में पटना का दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। वहीं पूर्णिया, राजगीर, छपरा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर समेत कई जिलों का एक्यूआई खराब स्थिति में पहुंच गया है।पटना का सूचकांक 376 रहा जबकि दिल्ली का 216 हो गया। पटना शहर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य है। जिसमें सरकारी निर्माण कार्य सबसे अधिक है। गांधी मैदान क्षेत्र में पटना मेट्रो का निर्माण कार्य, पटना कलेक्ट्रेट का नया भवन का निर्माण, अशोक राजपथ पर डबल डेकर पुल, मेट्रो और पीएमसीएच का निर्माण कार्य चल रहा है। न्यू बाइपास इलाके में धूलकण की आंधी उड़ रही है। गली-मोहल्लों में सड़कों के किनारे धूलकण की मोटी परत जमी हुई है। ट्रैफिक के कारण धूलकण हवा में फैल रहा है।

Air Pollution:दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से तीन भारत के, दिल्ली में  हालात बेहद खराब - Air Pollution Worsen World Most Polluted Cities Include  Three India Delhi Aqi - Amar Ujala

दिवाली से पहले ही राजधानी पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बढ़ रहा है। पूरा शहर धूलकण के चपेट में है। दीपावली के एक दिन पहले शनिवार को पटना की हवा बहुत खराब श्रेणी में रही। घर से बाहर निकलने पर ऑक्सिजन की जगह धूलकण घोंट रहे हैं। गले में खरास और नाक से पानी निकलना सामान्य बात हो गई है। दिन के तीन बजे के बाद से परिवेशीय वायुमंडल में धूलकण के कारण धुंध की स्थिति बन जा रही है। दीपावली के दिन क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

 

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