धनतेरस दस नवंबर को है। धनतेरस में खरीदारी करने का धार्मिक महत्व है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। लोगों का मानना है कि इस दिन नये सामान जैसे बाइक, कार, स्वर्ण व चांदी आभूषण, बर्तन, इलेक्ट्रानिक्स सामान आदि की खरीदारी बेहद शुभ फलदायी माना जाता है।
इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि इस बार 50 साल बाद धनतेरस के दिन यम पंचक शिववास और प्रदोष व्रत का संयोग पड़ रहा है। दस नवंबर को दिन शुक्रवार पड़ने के कारण चांदी खरीदना शुभ होगा। इस दिन खरीदी की गई चीजें में वर्ष भर 13 गुना की वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन शाम के 5:29 मिनट से लेकर रात के 8:07 मिनट तक लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त है।
धनतेरस पर लोहे की वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। लोहा शनि का कारक माना गया है। मान्यता है कि धनतेरस पर लोहे की चीजों को खरीदने से दुर्भाग्य आता है। इसके अलावा धनतेरस के दिन चीनी मिट्टी की बनी हुई चीजों को भी नहीं खरीदना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में बरकत कम होती है।
धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्मदिवस भी होता है, इसलिए धनतेरस को ‘धन्वन्तरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि जी को घी का दीपक और प्रसाद निवेदित करना चाहिए। इस दिन धनवंतरि की पूजा, मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन और सोना, चांदी, बर्तन घरेलू सामान की खरीदारी करना शुभ है।
आयुर्वेद साक्षी – करुणाश्री भगवन आगच्छ सत्वरा धन्वन्तरि त्वं सदा अल्पायु जरा-रोग
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