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बिहार का इकलौता वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व, एडवेंचर के साथ बोटिंग का भी मजा

बेतिया: बिहार में टूरिस्ट स्पॉट की भरमार है। यहां की ऐतिहासिक इमारतें, प्राचीन मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। ऐसे ही इस राज्य का जंगल सफारी भी खास है। पश्चिमी चंपारण में बिहार का इकलौता वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व स्थित है। है। यहां एक से बढ़कर एक खतरनाक जानवर रहते हैं। अच्छी बात यह है कि टाइगरों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है। पहले इस जंगल में 45 बाघ रहते थे लेकिन हाल ही में अब इनकी संख्या बढ़कर 54 हो गई है।

Good news on World Tiger Day: tiger population in Valmiki Tiger Reserve in  West Champaran of Bihar crosses 50 - वर्ल्ड टाइगर डे: बिहार के वाल्मीकि टाइगर  रिजर्व में बाघों की संख्या

गंगा मैदानों के जैव भौगोलिक क्षेत्र में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व भावर और तराई का संयोजन में स्थित है। यह साल 1989 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर मान्यता प्राप्त हुई वहीं साल 1990 में देश के 18वां टाइगर रिजर्व घोषित हुआ। बाघों की संख्या के घनत्व की बात करें तो ये चौथे नंबर पर आता है। 800 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टाइगर रिजर्व में 53 स्तनधारी, 250 से अधिक किस्म की पक्षी, 26 प्रकार के सरीसृप और 13 प्रकार के उभयचर रहते हैं। जिनमें बाघ, तेंदुआ, पहाड़ी मैना, ऊनी गर्दन सारस, भौंकने हिरण, हॉग हिरण, अजगर, मगरमच्छ, जंगली कुत्ता, जंगली सूअर, बाइसन, भालू, मोर, तीतर, हॉर्नबिल, नीला बैल, हिरण और सांभर प्रमुख हैं।

1998 के एक रिपोर्ट की मानें तो वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सात प्रकार की वनस्पतियां भी हैं। जिनमें 84 प्रकार के पेड़-पौधे, 32 प्रकार की झाड़ियां और 81 प्रकार की जड़ी-बूटी और घास हैं। इस जंगल सफारी में 4 रेंज मंगुराहा, गोवर्धना, वाल्मिकि नगर और राघिया हैं। हर पैकेज में 5 से 10 किलोमीटर तक की सफारी, ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर होता है। खास बात यह है कि यहां आपको बोटिंग करने को भी मजा मिलेगा। वहीं अगर इनके टूर पैकेज की बात करें तो यह 5 हजार रुपये वन नाइट वन पर्सन से शुरू होता है।

 

 

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