बिहार: रेलखंड के करौटा स्टेशन से सटा मां जगदंबा का मन्दिर इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। नवरात्र के दिनों में मंदिर माता के जयकारों से गुंजायमान है। दूर-दूर से यहां श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। दर्जनों भक्त मंदिर परिसर में प्रतिदिन दुर्गा पाठ कर रहे हैं।
नरौली स्थित मां जगदंबा मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जो भी भक्त नवरात्र में मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी मुरादें पूरी होती है। नवरात्र के दिनों में यहां खासकर निसंतान दंपतियों की भीड़ काफी रहती है। मंदिर में काले पत्थर की प्रतिमा है, जो पीपल के पेड़ से प्रकट होती प्रतीत होती है।
कहा जाता है कि यह प्रतिमा हजारों वर्ष पुरानी है। कभी वहां भव्य मंदिर था। लेकिन नालंदा विजय अभियान के दौरान बख्तियार खिलजी ने इसे ध्वस्त कर दिया था। वर्तमान में मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी बना है। तलाब में भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी की प्रतिमा के साथ ही यहां भगवान शिव की अलग-अलग मंदिर है। मंदिर के पुजारी जनार्दन पांडेय कहते है कि माता की महिमा अपरंपार है। भक्त सच्चे मन से जो भी मुरादें मांगते है वह जरूर पूरी होती है।
आगच्छ वर दे देवी। शंकर प्रिये के मंत्रोच्चार के साथ शुक्रवार शाम में अलग-अलग स्थानों पर पूजा समितियों की ओर से बेल वृक्ष के निकट माता का अधिवास उदबोधन किया गया। प्राचीन बाघ्ययंत्रो के साथ नगर के विभिन्न पूजा समितियों ने माथे पर थाल लिए कन्याएं पूजस्थल पर पहुंची। कई पूजा समिति के लोग शामिल हुए। जिसमें 151 थाल लेकर कुआंरी कन्याएं नगर भ्रमण करते हुए पूजा स्थल पर पहुंच बेल वृक्ष के निकट पूजा की।
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