पटना: बिहार सरकार आगामी 18 अक्टूबर को चौथा कृषि रोड मैप जारी करने जा रही है। सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसके लिए आमंत्रित किया है। बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने चौथे कृषि रोड मैप को लेकर सवाल उठाया है। सुधाकर सिंह ने कहा है कि बिहार की सरकार ने दूसरे कृषि रोड मैप में किसानों के हितों की जो बात कही थी उसे आजतक पूरा नहीं किया जा सका है।
सुधाकर सिंह ने कहा है कि यह जानकारी मिली कि 18 अक्टूबर को बिहार का चौथा कृषि रोड मैप सरकार लाने जा रही है। कृषि रोड मैप आने के बाद उसे अध्ययन करेंगे और तब बताएंगे कि उससे बिहार के किसानों को क्या लाभ होने वाला है। किसानों से जुड़ी समस्या को लेकर जो मांगे थीं वह चौथे कृषि रोड मैप में शामिल है या नहीं, इसको भी देखेंगे।
बिहार सरकार जब दूसरा कृषि रोड मैप लाई थी उस वक्त कहा गया था कि बिहार में मंडी कानून लाया जाएगा लेकिन सरकार अब चौथा कृषि रोड मैप लाने जा रही है लेकिन आज तक मंडी कानून लागू नहीं हो सका। बिहार में धान, गेंहू और मक्का की खरीद नहीं हो पा रही है। बिहार में जमीन के उपयोग को लेकर सरकार से अपेक्षा थी कि वह इसको लेकर नीति लाएगी लेकिन आजतक जमीन के उपयोग को लेकर नीति सरकार नहीं बना सकी।
विकास कार्यों के लिए जो जमीनें अधिग्रहित की जा रही हैं उसका एक चौथाई दाम किसानों को मिल रहा है। इससे बिहार के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। कहां चार गुना मिलने की बात थी लेकिन सच्चाई है कि किसानों को उनकी जमीनों का महज एक चौथाई मूल्य ही मिल पा रहा है। सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों के हक को लेकर उनकी लड़ाई तबतक जारी रहेगी जबतक उनका वाजिब हक उन्हें नहीं मिल जाता है।
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