गया: बिहार के प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट में से एक गया है। ये शहर जितना हिंदुओं के लिए खास है उतना ही बौद्ध धर्म के लिए भी है। एक ओर जहां हर साल हिंदू धर्म के लोग पिंड दान करने आते हैं वहीं दूसरी ओर बौद्ध धर्म के लोग भगवान बुद्ध से जुड़े धार्मिक स्थल देखने आते हैं। गया में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक देश-विदेश से घूमने आते हैं। दरअसल भगवान बुद्ध को यहीं पर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
गया के प्रसिद्ध बौद्ध स्थलों की बात करें तो इनमें डुंगेश्वरी गुफा मंदिर खास है। शहर से करीब 12 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित ये गुफा पहाड़ के ऊपर स्थित है। इस मंदिर का बौद्ध धर्म में खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि बोधगया जाने पहले बुद्ध ने इसी स्थान पर छह सालों तक तपस्या की थी। इस दौरान उनका शरीर बेहद कमजोर हो गया था। तब पास के ही गांव की गाय चराने वाली सुजाता नाम की महिला ने उन्हें भोजन पानी कराया। इसके बाद बुद्ध को अहसास हुआ कि ज्ञान की प्राप्ति के लिए आत्म-हनन से नहीं होगी। तब से ऐसा माना जाता है कि बुद्ध को यहीं से मध्यम मार्ग का ज्ञान प्राप्त हुआ था। मंदिर के भीतर बुद्ध की ध्यान की स्थिति में सोने की मूर्ति स्थापित है। हालांकि ये प्रतिमा बाकि प्रतिमाओं से अलग है। दरअसल डुंगेश्वरी गुफा में स्थापित मूर्ति में बुद्ध को कमजोर दिखाया गया है।
इस गुफा का हिंदू महत्व भी है। गुफा मंदिरों में से एक डुंगेश्वरी देवी का भी मंदिर है। यहां नवरात्रि और सावन के महीने हिंदू श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। इसलिए इस गुफा को महाकाल गुफा या प्रागबोधि गुफा भी कहते हैं। खास बात यह है कि मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के बीच से होते हुए पहाड़ पर टैकिंग करनी पड़ेगी।
गया के अन्य पर्यटक स्थल
डुंगेश्वरी गुफा के अलावा गया में कई अन्य टूरिस्ट स्पॉट हैं जहां हमेशा पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। इनमें से महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, रॉयल भूटान मठ, प्रेतशिला पहाड़ी और मंगला गौरी मंदिर समेत कई अन्य हैं।
कैसे पहुंचे
कई बड़े शहरों से गया के लिए सीधी ट्रेन मिल जाएंगी। पटना से इस शहर की दूरी करीब 98 किलोमीटर और सारनाथ से 246 किलोमीटर है। गया जीटी रोड से जुड़ा है तो आपको दिल्ली, कानपुर, प्रयागराज, बनारस और रांची जैसे शहरो से सीधे बस भी मिल जाएगी। अगर हवाई अड्डे की बात करें तो गया का अपना अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी है।
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