पटना: बिहार के स्कूलों में छुट्टियों की कटौती का आदेश वापस लिए जाने के बाद लगा कि इस पर विवाद अब थम गया है। मगर अभी तक यह मुद्दा पूरी तरह नहीं सुलझ पाया है। आदेश वापस लेने के बाद केके पाठक के नेतृत्व वाले शिक्षा विभाग ने कहा कि वह स्कूलों में छुट्टियों पर पुनर्विचार करेगा। विभाग का कहना है कि राज्य सरकार शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए स्कूलों में तय नियमों से कम दिन कक्षाएं नहीं चलेंगी।
शिक्षा विभाग की मंगलवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि आरटीई के तहत प्राइमरी स्कूलों में 200 और हाई स्कूलों में कम से कम 220 दिन पढ़ाई होनी चाहिए। मगर अभी 190 से ज्यादा क्लास नहीं चल पा रही हैं। अलग-अलग जिलों में विभिन्न कारणों से छुट्टी रह रही है। पटना में 185, मुजफ्फरपुर में 181 और मोतिहारी में 186 ही कार्यदिवस हैं।
केके पाठक के शिक्षा विभाग का कहना है कि पूर्व में घोषित छुट्टियों की वजह से यह समस्या नहीं है। बल्कि अघोषित अवकाश की वजह से ऐसा हो रहा है। स्थानीय प्रशासन अघोषित छुट्टी कर दी जाती है, जिसकी जानकारी जिला पदाधिकारी या मुख्यालय को नहीं होती है। वहीं, बाढ़, कटाव, शीतलहर के दौरान भी स्कूल बंद रहते हैं, जिससे कार्यदिवस घट जाते हैं।
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