मुजफ्फरपुर: पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह 27 साल पुराने एक मामले में पेशी पर अदालत नहीं पहुंचे। सजायाफ्ता कैदी के साथ मा’रपीट करने के मामले में मंगलवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में न्यायिक दंडाधिकारी पूर्वी नंदनी की अदालत में सुनवाई थी। आनंद मोहन के पेश नहीं होने पर उनका बयान दर्ज नहीं हो सका। कोर्ट ने 12 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।
आनंद मोहन के वकील मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व सांसद का बयान मंगलवार को दर्ज होना था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। इससे पूर्व इस केस में गवाही बंद हो चुकी है। पूर्व में वकील ने कोर्ट के समक्ष केस बंद करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि आनंद मोहन बेकसूर हैं। इस केस में उनके अलावा पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, रामू ठाकुर, बबलू श्रीवास्तव और एक अज्ञात कैदी को भी आरो’पी बनाया गया था।
इनमें से रामू ठाकुर और बबलू श्रीवास्तव की मौ’त हो चुकी है। मुन्ना शुक्ला को कोर्ट बरी कर चुका है। पुलिस ने 1997 में 11 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की थी। 1996 में 10 अप्रैल को मिठनपुरा थाना में समस्तीपुर जिले के ताजपुर थाना के मर्चा निवासी अशोक कुमार मिश्रा ने एफआईआर कराई थी। उसने आ’रोप लगाए थे कि आनंद मोहन समेत अन्य आरोपी जेल में रंग’दारी मांगते थे। इसका विरो’ध करने पर उनके साथ मा’रपीट की गई।
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