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Gayatri Jayanti 2020: आज है गायत्री जयंती, जानें-माता गायत्री की पूजा विधि और इसके लाभ

Gayatri Jayanti 2020 आज शुभ मुहूर्त निर्जला एकादशी की तिथि के अनुसार है। व्रती आज दोपहर में 12 बजकर 04 मिनट तक माता गायत्री की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

Gayatri Jayanti 2020: आज गायत्री जयंती है। इस दिन वेदों की जननी माता गायत्री की पूजा-उपासना की जाती है। गायत्री जयंती हर साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन निर्जला एकादशी भी मनाई जाती है। धार्मिक ग्रंथों में गायत्री मात्रा को सनातन धर्म की देवी कहा जाता है। माता गायत्री का स्वरूप पंचमुखी है, जिनकी पूजा पांच तत्व मानकर करनी चाहिए।

गायत्री जयंती पूजा शुभ मुहूर्त
आज शुभ मुहूर्त निर्जला एकादशी की तिथि के अनुसार है। व्रती आज दोपहर में 12 बजकर 04 मिनट तक माता गायत्री की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

गायत्री जयंती महत्व
रोजाना गायत्री मंत्र के जाप से अध्यात्म चेतना का सृजन होता है। इससे व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। साथ ही व्यक्ति को यश, कीर्ति और वैभव की प्राप्ति होती है। पवित्र ग्रन्थ गीता में श्रीकृष्ण जी कहते हैं कि व्यक्ति को परमात्मा को पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। धार्मिक मान्यता यह भी है कि गायत्री मंत्र के जाप से तीनों वेदों के अध्ययन समतुल्य फल प्राप्त होता है।

गायत्री जयंती पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्मों से निवृत हो जाएं। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस समय गायत्री मंत्र का कम से कम 5 बार जरूर जाप करें। तदोउपरांत, माता गायत्री को साक्षी मानकर उनकी प्रतिमा अथवा तस्वीर की पूजा फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत चन्दन, जल आदि करें। अपनी क्षमता अनुसार व्रत उपवास करें।

गायत्री मंत्र आह्वान
इस देवी का आह्वान गायत्री मंत्र से की जाती है। || ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् || इसका अर्थ होता है- समस्त दुखों को नाश करने वाले, तेजोमय जीवन देने वाले, पापों को नाश करने वाले, बल, बुद्धि और विद्या देने वाले, मानव स्वरूप देने वाले, प्राण देने वाले परमात्मा को हम अपनी अंतरात्मा में स्थान दें। वह ईश्वर हमें चेतना दें और सत्य मार्ग पर चलने के लिए मार्ग प्रशस्त करें।

गायत्री जयंती पूजा शुभ मुहूर्त
आज शुभ मुहूर्त निर्जला एकादशी की तिथि के अनुसार है। व्रती आज दोपहर में 12 बजकर 04 मिनट तक माता गायत्री की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

गायत्री जयंती महत्व
रोजाना गायत्री मंत्र के जाप से अध्यात्म चेतना का सृजन होता है। इससे व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। साथ ही व्यक्ति को यश, कीर्ति और वैभव की प्राप्ति होती है। पवित्र ग्रन्थ गीता में श्रीकृष्ण जी कहते हैं कि व्यक्ति को परमात्मा को पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। धार्मिक मान्यता यह भी है कि गायत्री मंत्र के जाप से तीनों वेदों के अध्ययन समतुल्य फल प्राप्त होता है।

गायत्री जयंती पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्मों से निवृत हो जाएं। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस समय गायत्री मंत्र का कम से कम 5 बार जरूर जाप करें। तदोउपरांत, माता गायत्री को साक्षी मानकर उनकी प्रतिमा अथवा तस्वीर की पूजा फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत चन्दन, जल आदि करें। अपनी क्षमता अनुसार व्रत उपवास करें।

 

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