पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र भेजने को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर भाजपा लगातार हमलावर हैं। अब पार्टी ने शिक्षा मंत्री पर बड़ा आ’रोप लगाया है। बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने शिक्षा मंत्री पर मास्टर अटै’क’ किया है। उन्होंने केके पाठक के खिलाफ शिक्षा मंत्री की नाराजगी और गुस्सा का कारण भी बताया है। यह भी कहा है कि आईएएस पदाधिकारी को शिक्षा मंत्री ने गैर आधिकारिक निजी सचिव से पत्र लिखवाया और खुद मीडिया में लीक करा दिया।
बिहार का शिक्षा मंत्री काफी दिनों से अपने बयान और गतिविधि को लेकर मीडिया की सुर्खियों में हैं । रामचरितमानस पर विवा’दित बयान देकर काफी वि’रोध झेल चुके हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली कैबिनेट के प्रस्ताव को अनुमोदन से पहले सार्वजनिक करने को लेकर भी मुख्यमंत्री की नाराजगी झेलनी पड़ी। एक बार फिर अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रीत पत्र भेजकर शिक्षा मंत्री विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। महागठबंधन के साथी दल भी उनके साथ नहीं हैं।
केके पाठक को लिखे गए पीत पत्र को लेकर बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने चंद्रशेखर की जमकर आलोचना की है। बीजेपी नेता ने शिक्षा मंत्री दो बुड़बक यानी कम बुद्धि वाला व्यक्ति करार दिया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर निखिल आनंद ने लिखा है कि बिहार के बुड़बक शिक्षामंत्री विभाग के आईएएस सचिव को एक गैर-आधिकारिक पर्सनल सेक्रेटरी पीतपत्र से लिखवा रहे हैं। फिर गोपनीय पत्र को मीडिया में सार्वजनिक भी करवा दिया।
निखिल आनंद ने कहा है कि मंत्रीजी दु:खी हैं। इसकी वजह यह है कि जून बीत गया लेकिन, एक भी ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं कर पाए। 10-12 करोड़ का उगाही-वसूली रुक गया। बिहार के बड़बोले शिक्षामंत्री अपनी अक्षमता का ठीकरा आईएएस पर फोड़ रहे हैं। आरो’प लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा है कि छात्रों का जीवन बर्बादकर पल्ला मत झाड़ो। शिक्षा विभाग के हर निर्णय के लिए सीएम, डिप्टी सीएम, शिक्षामंत्री दोषी है। उन्होंने पूछा है कि यह हरकत बिहार मंत्रीपरिषद् के सदस्य के पद-गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन नहीं है क्या।
बताते चलें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें पीत पत्र भेजा है। शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव कृष्णा नंद यादव ने 4 जुलाई को मंत्री के निदेश पर पीत पत्र लिखा। पत्र में लिखा कि विभाग के कुछ काम नियमों के मुताबिक नहीं हो रहे हैं। गैजेटेड अफसरों को उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं। बता दें कि एक महीने पहले ही नीतीश सरकार द्वारा तेजतर्रार आईएएस केके पाठक को शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया था। कार्यभार संभालते ही पाठक एक्शन में आ गए और लापरवाह कर्मचारियों और पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सराकर की कार्यसंहिता के हिसाब से काम नहीं किया जा रहा है। राजपत्रित अधिकारियों को भी उनके पद के अनुरूप काम नहीं दिया जा रहा है। विभाग के ऐसे कई अधिकारी हैं, जिनसे उनके पद से नीचे के स्तर के काम लिए जा रहे हैं। यह विभाग के नियमों के अनुकूल नहीं है।
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