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‘बिहार के युवा काबिल नहीं…’, शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर BJP बोली- ये बिहारियों के गौरव पर हमला

पटना: बिहार में 1.78 लाख शिक्षक पदों पर भर्ती को लेकर पहले से ही विवाद हो रहा था, अब शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने एक विवादित बयान देकर, आग में घी डालने का काम किया है. उन्‍होंने कहा कि बिहार के युवा सक्षम नहीं हैं. ऐसे में पूरे देश से उम्‍मीदवारों के आवेदन इस भर्ती के लिए स्‍वीकार किए जाएंगे. शिक्षा मंत्री के इस बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसे बिहारियों का अपमान बताया है। बीजेपी विधायक राणा रणधीर सिंह ने कहा कि बिहार की महागठबंधन की सरकार ने बहुत ही चुनकर ऐसा शिक्षा मंत्री बनाया है, जो लगातार दुर्भाग्यपूर्ण बयान देते रहते हैं।

Bihar Education Minister controversial statements BJP said it is an attack  on the Biharis pride insult | Bihar: 'बिहार के युवा काबिल नहीं...', शिक्षा  मंत्री के विवादित बयान पर BJP बोली- ये

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के नेतृत्व में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. शिक्षा विभाग की हालत पहले से ही खराब हैं. एक तो व्यवस्था ठीक नहीं है, उसके अलावा बिहारियों के गौरव और मान सम्मान पर भी चोट कर रहे हैं. बीजेपी विधायक ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा ये कहना कि बिहार के छात्रों में क्षमता नहीं है, बिहारियों का अपमान है. बिहारी आईएएस-आईपीएस अधिकारी पूरे देश में लोहा मनवा रहे हैं. हमारी बेटियां आईएएस के एग्जाम में टॉप करके खुद को साबित कर रही हैं. पूरी दुनिया में बिहारी प्रतिभा का सम्मान हो रहा है.

बता दें कि इस साल 2 मई को राज्य कैबिनेट ने राज्य में प्राथमिक, मध्य और उच्च कक्षाओं के लिए 1.78 लाख शिक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह भर्ती बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा की जाएगी. बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव कर डोमिसाइल नीति को खत्‍म कर दिया है. मंगलवार (27 जून) को हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन करते हुए कहा गया है कि अब शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्थायी होना जरूरी नहीं है, पहले भर्ती के लिए बिहार का स्थानी होना जरूरी था. इसका मतलब है कि अब इस भर्ती के लिए बिहार के बाहर के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकेंगे. बिहार से युवाओं में इस फैसले को लेकर गुस्सा है.

इस मामले पर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर ने कहा कि रिक्तियां ज्यादा रह जाने के कारण सरकार ने इस तरह का फ़ैसला लिया है. पहले बहाली में अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान के अभ्यर्थी नहीं मिल पाते थे सीट खाली रह जाती थी, जिसके बाद सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है. अब देश के कोई भी अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकते है. उन्होंने कहा कि हर बात का विरोध होता है, अच्छी बात का भी विरोध होता है, खराब बात का भी विरोध होता हैं उससे हमें क्या करना हैं.

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