Press "Enter" to skip to content

नल जल योजना की सच्चाई: सरकार की तरफ से पानी तक नसीब नहीं, श्रमदान से सूखे कुएं को खोदने में लगे ग्रामीण

मुंगेर:  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में सबसे महत्वपूर्ण हर घर नल का जल है लेकिन इसकी सच्चाई क्या है यह किसी से छिपी नहीं है। सरकार चाहे लाख दावे कर ले कि नल जल योजना का लाभ हर किसी को मिल रहा है इस बात में पूरी सच्चाई नहीं है। मुंगेर के हवेली खड़गपुर प्रखंड के रतैठा पंचायत स्थित वार्ड 10 के बजरंग चौक तेघड़ा से आई तस्वीर सरकारी दावे की पोल खोलने को काफी है। जहां इस प्रचंड गर्मी में यहां के लोगों को पेयजल भी नसीब नहीं हो रहा है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।

मुंगेर में इस भीषण गर्मी में जब नही मिला सरकारी मदद तो ग्रामीणों ने श्रमदान  कर खुद से जल की तलास में जुटे, गांव स्थित सूखे कुआं को और गहराई ...

इस पंचायत में नल जल योजना का पाइप बिछाया तो गया है लेकिन आज तक उस पाईप से एक बूंद पानी तक नहीं निकला है। यहां की स्थिति बद से बदतर है। सरकारी दफ्तरों में गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने श्रमदान कर खुद से जल की तलाश में जुट गये। गांव के सूखे कुएं की गहराई बढ़ाने के लिए उसे खोदने में लोग जुटे हैं इस आश से कि शायद कुएं की खुदाई से कही पानी नसीब हो जाए।

एकला चालो रे..की तर्ज पर मुंगेर में हवेली खड़गपुर प्रखंड के रतैठा पंचायत अंतर्गत वार्ड न0 10 के बजरंग चौक तेघड़ा में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में जल संकट से परेशान लोगों की उम्मीद जब सरकार और प्रशासन ने तोड़ दी तब सभी ग्रामीणों ने खुद श्रम दान कर सूखे हुए कुंए को पुनर्जीवित करने का मन बनाया और कुएं की खुदाई में जुट गये।

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में बिछाया गया नल-जल योजना के पाइप से आज तक जल नसीब नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर हैंडपंप पंप, चापाकल और कुएं का जल स्तर इतना नीचे चला गया है कि लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। इसकी सूचना स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधि, पीएचडी विभाग को कई बार दी गयी लेकिन इनके कानों में जूं तक नहीं रेंगा। एक दो बार पानी का टैंकर भिजवाया गया जो लोगों को पानी की पूर्ति नहीं कर पाई और 2 दिन के बाद ही टैंकर गांव में आना भी बंद हो गया।

लोग किसी तरह इधर-उधर से लोग पानी का जुगाड़ कर रहे है लेकिन अब चिलचिलाती धूप और गर्मी में वाटर लेवल इतना नीचे चला गया कि अब पानी पीने के लिए भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। थक हारकर लोगों ने श्रमदान करने का फैसला लिया। गांव के कुएं की खुदाई में लोग जुटे हैं। इस उम्मीद से कि कही उन्हें पानी नसीब हो जाए। इन लोगों को सरकार से बहुत शिकायत है।

बजरंग चौक सामुदायिक भवन के पास एक सामुदायिक कुआं है। जिसे स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं पीएचडी विभाग के द्वारा दुरुस्त नहीं किया जा सका जिसके बाद ग्रामीणों ने श्रमदान कर सूखे कुएं की साफ-सफाई एवं कुएं में बैठे गाद को निकाल रहे हैं। कुएं में गहराई करने के लिए मिट्टी खोदा जा रहा है ताकि ग्रामीणों को कुछ राहत मिल सके और लोगों को पानी नसीब हो सके।

 

Share This Article
More from ADMINISTRATIONMore posts in ADMINISTRATION »
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from MUNGERMore posts in MUNGER »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *