बेतिया, 03 जून। नवजातों के लिए माँ का दूध अमृत के समान होता है, शिशुओं के लिए इसे सर्वोत्तम आहार माना गया है। कम से कम छः माह तक नवजात को सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए। इससे दस्त, डायरिया समेत कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती हैं। ये बातें डीसीएम राजेश कुमार ने यूपीएचसी बेतिया में आयोजित सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के उद्घाटन के मौके पर कही। डीसीएम ने बताया कि जिले में दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से 01 से 15 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत 3466 आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ओआरएस का वितरण करेंगी।
साफ सफाई के बारे में जागरूक करेंगी आशा:
डीआईओ अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि आशा द्वारा परिवार के सदस्यों को ओआरएस के घोल बनाने एवं इसके उपयोग की विधि, इसके सेवन लाभ के साथ ही परिवार के सदस्यों को साफ-सफाई तथा हाथ धोने के तरीकों की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि दस्त होने के दौरान बच्चों को जिंक का उपयोग करने की जानकारी देनी है। जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है। दस्त ठीक नहीं होने पर गंभीर स्थिति में बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने में उन्हें परिवार की मदद भी करनी है।
बीमारियों से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान:
सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखा जाना चाहिए। पीने के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें। खाना बनाने और खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोना जरूरी है। दस्त को रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें। खुले में शौच नहीं जायें।
इस मौके पर डीआईओ अवधेश कुमार सिंह, डीसीएम राजेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, बीएचएम, आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
इन लक्षणों को नहीं करें नजरअंदाज:
• बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा है
• सुस्त या बेहोश हो जाना
• पानी जैसा लगातार दस्त होना
• बार-बार उल्टी होना
• अत्यधिक प्यास लगना
• पानी नहीं पी पाना
• बुखार होना
• मल में खून आना
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