मुजफ्फरपुर: जेल से छूटते ही आनंद मोहन ने फिर से अपनी सियासी पारी शुरू कर दी है। उनकी रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। चर्चा होती है कि आनंद मोहन को फिर से जेल न जाना पड़े। लेकिन इन सबसे बेफिक्र बाहुबली पूर्व सांसद अपनी मुहिम पर अनवरत चल रहे हैं। आनंद मोहन राजद-जदयू के समर्थन में तो बीजेपी के खिलाफ गोलबंदी की मुहिम चला रहे हैं। जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत वह खुद 6 साल चुनाव नहीं लड़ सकते। ऐसे में माना जा रहा है कि वह अपनी पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद के लिए अभी से काम शुरू कर दिया है। 2024 के चुनाव में आनंद मोहन पत्नी के लिए ही तेज फील्डिंग करते नजर आएंगे। बेटा चेतन आनंद पहले से विधायक है।
मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन इशारों-इशारों में बीजेपी पर जमकर जमकर निशाना साधा। वह पत्नी लवली आनंद के साथ आए थे। उन्होंने कहा कहा कि हम लोग जय सियाराम वाले पार्टी हैं न कि जय श्री राम वाली पार्टी। शिवहर से सांसद रहे आनंद मोहन ने कहा कि जिस तरह से अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है उसी प्रकार सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता का भव्य मंदिर बनाया जाए क्योंकि बिना सिया के राम नहीं हैं। दोनों साथ साथ हैं। सीतामढ़ी के पुनौरा मे ही सीता जी प्रकट हुई थीं।
जी कृष्णैया ह’त्याकांड में उम्रकैद की सजा दी गई थी। इससे पहले वह 1996 और 1998 में दो बार शिवहर के सांसद रहे। उनके बेटे चेतन आनंद वर्तमान में राजद की सीट पर शिवहर के विधायक है। जेल कानून में बदलाव करके उन्हें स्थाई रिहाई दिलाई गई। शिवहर सीतामढ़ी से कटकर अलग हुआ है। यह इलाका सीता जी का मायका के रूप में जाना जाता है। बीजेपी के जय श्रीराम के खिलाफ जय सियाराम का नारा देकर आनंद मोहन ने एक बार में दो तीर चला दिया है। एक ओर वग बीजेपी का टेंशन बढ़ा रहे हैं तो शिवहर सीट पर पत्नी लवली आनंद के लिए हिडेन फिल्डिंग कर रहे हैं।
मुजफ्फरपुर पहुंचे आनंद मोहन और लवली आनंद ने इस क्षेत्र की जनता का आभार जताया। कहा कि शिवहर और वैशाली ने बहुत प्यार और सम्मान दिया। कहीं भी रहेंगे पर इस क्षेत्र के जनता से जुड़े रहेंगे। आनंद मोहन के बाद लवली आनंद ने भी मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर को पटना के गांधी मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। उसके लिए लोगों को आमंत्रण देने आ रहे हैं। पति की रिहाई के बाद उनकी भी राजनैतिक गतिविधि पहले से तेज हो गई है। लवली आनंद ने कहा कि जेल से निकलने के बाद आनंद मोहन जी को लेकर लोगों के बीच जा रही हूं। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन कोई लहर नहीं बल्कि तुफान है। हमारा सौभाग्य है कि आज भी लोग मुझे उसी तरह से चाहते हैं जैसे पहले चाहते थे।
बताते चलें कि गोपालगंज के तत्कालिन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या 5 दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर के खबरा में कर दी गयी थी। आनंद मोहन सिंह पर उनकी हत्या का आरोप लगा और गिरफ्तारी हुई। आरोप साबित होने पर उन्हें पहले फांसी की सजा दी गयी जिसे बाद में उम्र कैद में बदल दिया गया। नीतीश तेजस्वी सरकार ने उन्हें जेल कानून में बदलाव करके बाहर निकाला। 17 साल जेल में बिताने के बाद पिछले दिनों उन्हें जेल से रिहा हुए। आनंद मोहन की रिहाई के बाद लगातार बीजेपी नीतीश सरकार को भी घेरने में लगी है। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने उनकी रिहाी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें सुनवाई चल रही है।
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