सीतामढ़ी। 16 मई, गर्मी के मौसम के बाद बारिश जहां एक ओर भीषण गर्मी से राहत दिलाती है। वहीं डेंगू की आहट भी लेकर आती है। आपके घरों की छतों पर या आस पास फेंके हुए टूटे-फूटे बर्तनों, टायरों, गमलों आदि में बरसात का जमा साफ पानी डेंगू के पनपने की मूल वजह हो सकती है। ये बातें जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने मंगलवार को डेंगू दिवस के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि यह बीमारी डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज के पनपने के कारण होता है। ये मच्छर साफ पानी मे आपके घरों के आस पास पनपते हैं और दिन में ही काटते हैं और आपको डेंगू की चपेट में डाल देते हैं। आप जागरूक रहे और डेंगू से बचें इसलिए प्रतिवर्ष 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है, अगर हम कुछ सावधानियों को याद रखें तो डेंगू एवं चिकनगुनिया से बच सकते हैं।
लगे नारे, बंटे हैंडबिल:
डेंगू दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इस दिवस को मनाया गया। वहीं जिला भीबीडीसी कार्यालय परिसर में स्वास्थ्यकर्मियों और डॉ यादव ने सीतामढ़ी ने ठाना है, डेंगू को हराना है के नारे लगाए व लोगों के बीच हैंड बिल बांटकर जागरूकता अभियान चलाया गया। डॉ रविन्द्र ने बताया कि डेंगू की जांच व इलाज की व्यवस्था सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर है। वहां पेरासिटामोल की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।
क्या हैं लक्षण:
डॉ यादव ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षणो में बदन, सर, आंखों के पीछे एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे का निशान, नाक मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्त स्राव है। इसके अलावा काला मल भी डेंगू व चिकनगुनिया की तरफ इशारा करता है।
क्या है बचाव:
अपने घरों के आसपास पानी जमा ना होने दें। घरों की छतों पर टूटे-फूटे या खुले ढक्कन वाले बर्तन न रखे॔। पानी के टैंक के ढक्कन बंद रखें। कूलर, फ्रिज के पानी रोज बदलें, दिन मे भी मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि सर्दी बुखार और बदन मे दर्द, हड्डी और जोड़ मे दर्द, उल्टी आदि हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल मे जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें।
स्वउपचार से बचें । बुखार के लिए केवल पेरासिटामोल ही लें। एस्प्रीन या ब्रुफेन ग्रुप की दवाई भूल से भी न लें।
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