पटना: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा कोई कसर नहीं छोड़ रहे। राजनीति दोनों में उपेंद्र कुशवाहा से जुनियर उमेश कुशवाहा उनपर हमला करने के एक भी मौके को हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। इधर उपेंद्र कुशवाहा सबसे ज्यादा नीतीश कुमार के बयानों से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार जिस तरह व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं उसका देना मुनासिब नहीं लगता।
उमेश कुशवाहा ने आ’रोप लगाते हुए कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा इतने बड़े स्वार्थी, इतने बड़े महत्वाकांक्षी, अवसरवादी हैं कि उनसे बड़ा कोई नहीं है। जब एमएलसी बने तो कहां किसी कार्यकर्ता के लिए कुछ किया। जब विलय कर रहे थे तो कहा हमको कोई पद नहीं चाहिए। आज हर पद के लिए लालायित हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के पास न तो कोई सिद्धांत है न ही कोई विचारधारा है। उपेंद्र कुशवाहा महत्वाकांक्षा के अतिरेक में अव्यवहारिक एवं अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं जो उनके राजनीतिक जीवन के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा। मुख्यमंत्री के संघर्षों से उपजे जदयू को कोई भी अवसरवादी नेता हिला नहीं सकता।
उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के पास न तो कोई सिद्धांत है न ही कोई विचारधारा है। उपेंद्र कुशवाहा महत्वाकांक्षा के अतिरेक में अव्यवहारिक एवं अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं जो उनके राजनीतिक जीवन के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा। मुख्यमंत्री के संघर्षों से उपजे जदयू को कोई भी अवसरवादी नेता हिला नहीं सकता। उमेश कुशवाहा ने तंज कसा- वह कहते हैं झुनझुना दिया गया तो काहे रखे रहे झुनझुना। कहते हैं राज्यसभा की सदस्यता तुरंत छोड़ दी तो क्यों बचे हुए हैं, क्यों नहीं इस्तीफा कर देते हैं। आप हमारे नेता नीतीश कुमार को ब्लैकमेल करते रहे। हमेशा पार्टी को कमजोर करने की जुगत में समानांतर कमेटी चलाते रहे।
इधर, उपेन्द्र ने कहा कि नीतीश कुमार बहुत सीनियर लीडर हैं। वे जिस तरह व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं उसका हम जवाब दें तो मुनासिब नहीं लगता। उन्होंने फिर कहा कि जदयू तमाम लोगों की पार्टी है, किसी एक व्यक्ति की पार्टी नहीं है। लाखों-करोड़ों लोग इससे जुड़े हुए हैं। अपनी सहूलियत से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी इस गठबंधन में तो कभी उस गठबंधन में जाते हैं। आम लोगों में यह चर्चा का विषय रहता है। आरजेडी के साथ जिस डील की चर्चा तेज है उसका खुलासा किया जाना चाहिए।
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