पटना: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगले महीने यानी फरवरी में बिहार की राजधानी पटना में रैली प्रस्तावित है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर कांग्रेस बिहार में भी उपयात्रा निकाल रही है। यह यात्रा अगले महीने जब पटना पहुंचेगी, तो प्रियंका गांधी भी उसमें शामिल होंगी। बिहार में आरजेडी की पिछलग्गू बनकर रह गई कांग्रेस पार्टी में नए सिरे से जान फूंकने के लिए प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह जी जान से जुट गए हैं। सत्ता में भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की कवायद चल रही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बुधवार को बताया कि कांग्रेस की बिहार में 5 जनवरी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा फरवरी के पहले सप्ताह में पटना पहुंचेगी। इस मौके पर पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली का आयोजन होगा, जिसमें प्रियंका गांधी शामिल होंगी।
प्रियंका के बाद राहुल आएंगे बिहार
प्रियंका गांधी की पटना में रैली होने के बाद राहुल गांधी भी बिहार दौरे पर आएंगे। राज्य में भारत जोड़ो उपयात्रा का समापन बोधगया में होना है। समापन के अवसर पर राहुल रैली को संबोधित करेंगे। बिहार में लंबे समय बाद कांग्रेस के बड़े आयोजन को लेकर कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। राहुल गांधी की तर्ज पर राज्य में पदयात्रा निकालने का मकसद संगठन को मजबूत करना है।
अखिलेश सिंह के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
अखिलेश प्रसाद सिंह को पिछले महीने ही पीसीसी की कमान सौंपी गई। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने अपनी रणनीति सेट कर ली है। आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति को सुधारना उनके लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने सरकार में पार्टी की भागीदारी बढ़ाने के लिए कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या बढ़ाने की मांग की, जो कि आगामी मंत्रिपरिषद में पूरी होने की उम्मीद है। साथ ही बिहार में बैसाखी पर चल रही कांग्रेस पार्टी में जान फूंकने के लिए वे संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना चाहते हैं। राज्य में भारत जोड़ो यात्रा निकालने का फैसला भी इसी ओर एक कदम है। लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पार्टी खुद को मजबूत करना चाहती है।
राहुल और प्रियंका गांधी की रैलियां होने से सुस्त पड़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश जगेगा। हिमाचल प्रदेश में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में प्रियंका का अहम रोल रहा। उन्होंने राज्य में पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी और उसका फायदा भी हुआ। युवा और महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रियंका गांधी में नई उम्मीद नजर आ रही है। दूसरी ओर, राहुल गांधी देश भर में भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, जिससे उनकी छवि में सुधार हुआ है। दोनों नेताओं की बिहार में रैलियां होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ जाएगा।
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